मुंबई। मुंबई का ऐतिहासिक एलफिन्स्टन ब्रिज, जिसने एक सदी से अधिक समय तक परेल और प्रभादेवी को जोड़े रखा, अब इतिहास बन गया है। शुक्रवार आधी रात से यह पुल स्थायी रूप से बंद कर दिया गया। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने यहां नया एलफिन्स्टन फ्लाईओवर और शिवड़ी-कलीं कनेक्टर बनाने की योजना शुरू कर दी है। पुल बंद होते ही यातायात पुलिस ने वैकल्पिक मार्ग लागू कर दिए, लेकिन इसका सीधा असर यात्रियों और बस सेवाओं पर पड़ रहा है।
एसटी बस सेवाओं पर असर
परेल डिपो से चलने वाली एसटी और शिवनेरी बसों के मार्ग बदल दिए गए हैं। अब इन्हें मदके बुध चौक, डॉ. आंबेडकर रोड, सुथरी बाम जंक्शन और विवेकानंद ब्रिज होकर जाना होगा। इस बदलाव से दादर–परेल की दूरी 6.2 किलोमीटर और दादर–पुणे मार्ग 2.6 किलोमीटर लंबा हो गया है।
रोजाना करीब 194 बस फेरे प्रभावित होंगे, जिनमें 48 नॉन-एसी और 49 एसी बसें शामिल हैं। यात्रियों को अब औसतन ₹10 ज्यादा किराया चुकाना पड़ रहा है।
मरीजों और एम्बुलेंस की चिंता
परेल और प्रभादेवी सिर्फ कारोबारी इलाका ही नहीं, बल्कि टाटा मेमोरियल और केईएम जैसे बड़े अस्पतालों का केंद्र भी हैं। पुल बंद होने से मरीजों और एम्बुलेंस की आवाजाही पर असर पड़ रहा है। एमएमआरडीए ने दावा किया है कि दोनों स्टेशनों पर एम्बुलेंस और व्हीलचेयर उपलब्ध कराई गई हैं, लेकिन बढ़े हुए रास्तों और ट्रैफिक जाम से आपात स्थितियों में बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है।
स्थानीय निवासियों की बेचैनी
प्राधिकरण का कहना है कि परियोजना में बदलाव कर 19 में से 17 इमारतों को प्रभावित होने से बचा लिया गया है। केवल हाजी नूरानी चाल और लक्ष्मी निवास चाल के 83 परिवारों को स्थानांतरित किया जाएगा। इस बदलाव से करीब ₹5,200 करोड़ की बचत होगी।
इसके बावजूद स्थानीय लोग और दुकानदार असुरक्षा महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि 100 साल पुरानी इमारतों और दुकानों पर इसका असर पड़ेगा, जिससे व्यापार और रोज़गार पर सीधा असर होगा।
ट्रैफिक पुलिस की सख्ती
दादर पूर्व–पश्चिम जाने वाले वाहनों को अब तिलक पुल का इस्तेमाल करना होगा। वहीं, प्रभादेवी और भायखला से सी-लिंक जाने वाले वाहनों को चिंचपोकली ब्रिज की ओर मोड़ा गया है। करी रोड ब्रिज को अलग-अलग समय पर वन-वे किया गया है। कई सड़कों को नो-पार्किंग जोन भी घोषित किया गया है।
मुंबईकरों की नाराजगी
पुल बंद होने के बाद यात्रियों ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि सुविधा के नाम पर अब बोझ बढ़ गया है। रोज़ लाखों लोगों की जेब पर असर पड़ेगा और यात्रा समय भी लंबा होगा। नतीजतन, एलफिन्स्टन ब्रिज का बंद होना आम मुंबईकरों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
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