रामायण सिर्फ विजुअल्स नहीं, भावना है' – सीता बनीं दीपिका चिखलिया ने नितेश तिवारी की फिल्म पर दी प्रतिक्रिया ।


रामानंद सागर की ‘रामायण’ में सीता का किरदार निभाकर हर दिल में बस चुकीं दीपिका चिखलिया आज भी करोड़ों लोगों के लिए ‘सीता माता’ हैं। जब हाल ही में नितेश तिवारी की बहुचर्चित फिल्म ‘रामायण’ का टीजर रिलीज हुआ, तो इस पर दीपिका चिखलिया की प्रतिक्रिया सामने आई। उन्होंने टीजर की भव्यता की सराहना की, लेकिन साथ ही एक गहरी चिंता भी जताई—कहीं अत्याधुनिक तकनीक और ग्राफिक्स के बीच रामायण की आत्मा, यानी उसकी भावनाएं और भक्ति, खो न जाएं।

"टीजर भव्य है, लेकिन आत्मा नहीं दिखी"
दीपिका ने अमर उजाला डिजिटल से बातचीत में कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मुझे विजुअल इफेक्ट्स अच्छे लगे। लेकिन रामायण सिर्फ ग्राफिक्स नहीं है, यह भावना और आस्था की कहानी है। टीजर में भव्यता है, लेकिन कहानी और इमोशंस नजर नहीं आए। ये काफी मॉडर्न लग रहा है — लाइटिंग, रंगों का टोन, सब कुछ नए जमाने जैसा था।"

उन्होंने बताया कि जब उन्होंने 1980 के दशक में ‘रामायण’ की थी, तब तकनीक सीमित थी, लेकिन लोगों का दिल उस शो से जुड़ गया था।

"रणबीर को देखा और अरुण गोविल की याद आ गई"
रणबीर कपूर के राम के किरदार पर उन्होंने कहा, "रणबीर को राम के रूप में देखकर मुझे सीधे अरुण गोविल की याद आ गई। मैं शायद किसी और को राम के रूप में देख ही नहीं सकती। वे 35-40 सालों से हमारे राम हैं।"

"साई पल्लवी अलग होंगी, लेकिन सीता को निभा लेंगी"
सीता के किरदार में साई पल्लवी के चयन पर दीपिका ने कहा, "वो बहुत नैचुरल एक्ट्रेस हैं। मैंने उनकी मलयालम फिल्में देखी हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि वो सीता का किरदार अच्छे से निभाएंगी, भले ही वो मुझसे अलग हों।"

"पहले से पहचाने चेहरे को भगवान मानना मुश्किल"
दीपिका ने बताया कि जब उन्होंने रामायण की थी, तब वो और अरुण गोविल दोनों ही नए चेहरे थे। इसलिए लोगों ने उन्हें राम और सीता के रूप में अपनाया। उन्होंने कहा, "अब के कलाकार पहले से कई किरदार कर चुके हैं, ऐसे में दर्शकों के लिए उन्हें भगवान के रूप में देखना आसान नहीं होता।"

"राम जी को दशरथ के रूप में देखना अजीब लगा"
नयी फिल्म में अरुण गोविल राजा दशरथ की भूमिका में हैं। इस पर दीपिका ने भावुक होते हुए कहा, "जब मैंने उन्हें दशरथ के रूप में देखा, तो दिल से यही निकला — ये तो राम जी हैं। उनके चेहरे पर वही शांति और वही छवि है। उन्हें दशरथ के रूप में देखना थोड़ा मुश्किल लगा।"

"मैं सिर्फ सीता हूं, रामायण में किसी और किरदार की कल्पना नहीं कर सकती"
दीपिका चिखलिया ने बताया कि फिल्म के लिए उन्हें किसी ने संपर्क नहीं किया। उन्होंने स्पष्ट कहा, "मैं रामायण में खुद को सिर्फ सीता के रूप में ही देख सकती हूं। अगर कोई महाभारत जैसा प्रोजेक्ट होता, तो सोच सकती थी। लेकिन रामायण में नहीं।"

"रामायण को देखा नहीं, महसूस किया जाता है"
फिल्म के करीब 850 करोड़ रुपये के बजट पर दीपिका ने कहा, "रामायण एक भक्ति और रिश्तों की कहानी है, इसमें भावना चाहिए, पैसा नहीं। रामायण को सिर्फ देखा नहीं जाता, उसे महसूस किया जाता है। मेरा डर बस यही है कि भारी भरकम ग्राफिक्स और बजट में असली इमोशंस पीछे न रह जाएं। असली रामायण वही है जिसमें भक्ति हो, भावनाएं हों।"


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