मुंबई,
मुंबई में बरसात के मौसम के दौरान मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और हेपेटाइटिस के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं, गैस्ट्रोएंटेराइटिस और लेप्टोस्पायरोसिस के मरीजों की संख्या में पिछले साल की तुलना में कमी आई है। यह जानकारी मंगलवार को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की ओर से जारी मॉनसून बीमारियों की रिपोर्ट में सामने आई।
बढ़े ये मामले
जनवरी से अगस्त 2025 के बीच शहर में 5,706 मलेरिया के मरीज मिले हैं, जबकि 2024 की इसी अवधि में यह आंकड़ा 4,021 था।
- डेंगू के मामले 1,979 से बढ़कर 2,319 हो गए।
- हेपेटाइटिस के मरीज 662 से बढ़कर 810 हो गए।
- चिकनगुनिया के मामलों में भी बड़ी छलांग लगी है—210 से बढ़कर 485 मामले सामने आए हैं।
घटी ये बीमारियां
- गैस्ट्रोएंटेराइटिस के केस 2024 में 6,133 थे, जो इस साल घटकर 5,774 रह गए।
- लेप्टोस्पायरोसिस के मरीज भी 553 से घटकर 471 दर्ज किए गए।
बरसात में बढ़ते वेक्टर-बॉर्न रोग
बीएमसी ने बताया कि जुलाई-अगस्त में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और लेप्टोस्पायरोसिस के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई, जो पिछले साल की तरह ही मौसमी रुझान है। आमतौर पर अगस्त महीने में मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप सबसे ज्यादा रहता है। हालांकि, इस बार गैस्ट्रोएंटेराइटिस के मामलों में बढ़ोतरी नहीं हुई है।
बीएमसी की कार्रवाई
- अगस्त महीने में 10.66 लाख घरों का निरीक्षण किया गया।
- 1.84 लाख से अधिक रक्त के नमूने जांचे गए।
- जागरूकता अभियान के तहत 3,284 हाउसिंग सोसायटियों और 264 स्कूलों को कवर किया गया।
- "ज़ीरो मच्छर प्रजनन अभियान" के अंतर्गत 545 इमारतों को शामिल किया गया।
बीएमसी ने नागरिकों से अपील की है कि वे घरों और आसपास पानी न जमा होने दें और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराते रहें।
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