मुम्बई: मलाड पुलिस ने गुरुवार को एक महिला को गिरफ्तार किया, जो चार महीने से एक करोड़ों रुपए के फ्रॉड मामले में फरार थी। आरोपी महिला ने मलाड में एक ऑफिस खोलकर 38 बेरोज़गार पुरुषों को खाड़ी देशों में नौकरी का झांसा देकर लगभग 2 करोड़ रुपये ठगे।
पुलिस ने बताया कि महिला की पहचान एकता अविनाश आयरे, जो कि दृष्टि या मनीषा के नाम से भी जानी जाती है, के रूप में हुई है। उसके साथ दो अन्य आरोपी - अमन कमलामिया शेख और जिग्नेशकुमार रठवा भी इस मामले में शामिल हैं, जो फिलहाल फरार हैं। आरोपी दल ने पीड़ितों के नाम पर वीज़ा और नौकरी के नियुक्ति पत्र फर्जी बनाए और भारी राशि वसूली। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दृश्यंत चव्हाण ने बताया कि धोखाधड़ी के बाद आरोपी कंपनी का ऑफिस बंद कर फरार हो गए।
पुलिस के अनुसार, शेख, रठवा और आयरे ने मलाड के एक शॉपिंग मॉल में फर्जी कंपनी शुरू की थी। सोशल मीडिया पर वे नौकरी के लिए साइन-अप लिंक और कई झूठे प्रशंसापत्र डालकर बेरोज़गार युवाओं को आकर्षित करते थे। मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, पुणे और अन्य शहरों के कई युवाओं ने ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन किए। नौकरी के पदों में किचन स्टाफ, ड्राइवर, हाउसकीपिंग, स्टोरकीपर, सिक्योरिटी गार्ड आदि शामिल थे।
पीड़ितों को वीज़ा और नियुक्ति पत्र ऑनलाइन भेजे गए। हालांकि, जैसे ही उन्होंने दस्तावेज़ों की जाँच की, उन्हें पता चला कि सभी दस्तावेज़ फर्जी थे। कुछ पीड़ित मलाड ऑफिस पहुंचे तो पाया कि आरोपी फरार हो चुके हैं और ऑफिस बंद कर दिया गया है।
पुलिस ने चार महीने पहले 38 पीड़ितों के बयान दर्ज किए और कंपनी से संबंधित जालसाजी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। इंस्पेक्टर चव्हाण ने कहा कि उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष टीम के साथ जांच शुरू की। इस अभियान के दौरान एकता आयरे को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला कि कुछ ठगी गई रकम उसके बैंक खाते में ट्रांसफर हुई थी।
आरोपी महिला ने सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था, जिसे रद्द कर दिया गया। उसके बाद उसे गिरफ्तार कर बोरिवली मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ उसे पुलिस हिरासत में भेजा गया।
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