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व्हाट्सऐप पर शादी का निमंत्रण और चालान के बहाने साइबर ठगी, कारोबारी समेत कई लोग बने शिकार।


मुंबई/जौनपुर – साइबर अपराधियों ने अब ठगी का नया तरीका खोज निकाला है। व्हाट्सऐप पर शादी के निमंत्रण पत्र और ट्रैफिक चालान के नाम पर खतरनाक एपीके (APK) फाइलें भेजी जा रही हैं। ये फाइलें दिखने में पीडीएफ जैसी लगती हैं, लेकिन डाउनलोड करते ही मोबाइल फोन हैक हो जाता है और बैंक खाते से पैसे गायब होने लगते हैं।

कांदिवली (पश्चिम) के 45 वर्षीय व्यवसायी भोलनाथ गुप्ता इस नए साइबर जाल में फंस गए। उन्होंने बताया, “20 अगस्त की सुबह करीब 5 बजे मुझे मेरे परिचित जय जायसवाल के नंबर से शादी का निमंत्रण फाइल मिला। जैसे ही मैंने उस पर क्लिक किया, मोबाइल अचानक फ्रीज़ हो गया। रात तक मेरे खाते से छह ट्रांजेक्शन में 44,000 रुपये निकल गए। मैंने तुरंत साइबर हेल्पलाइन और कांदिवली पुलिस को शिकायत दी।”

जय जायसवाल, जो उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले कॉस्मेटिक व्यापारी हैं, खुद भी इसी ठगी के शिकार बने। उन्होंने बताया, “मुझे यह फाइल पड़ोसी के नंबर से आई थी। जैसे ही मैंने इंस्टॉल किया, उसने परमिशन और निजी जानकारी मांगी। उसके बाद मेरा व्हाट्सऐप अपने-आप मेरे सभी संपर्कों को वही फाइल भेजने लगा। बाद में कई लोगों ने शिकायत की कि उनका फोन और बैंक अकाउंट हैक हो गया।”

इस फर्जीवाड़े में अब तक कई लोग भारी नुकसान उठा चुके हैं। जायसवाल के मुताबिक, जौनपुर के एक डेयरी मालिक का करीब 10 लाख रुपये का नुकसान हुआ। वहीं नालासोपारा निवासी अनमोल अग्रहरी के खाते से 9,500 रुपये उड़ गए। अग्रहरी ने कहा, “मुझे यह फाइल मेरे मामा के नंबर से आई थी। डाउनलोड करते ही मोबाइल गड़बड़ाने लगा। रात में खाते में पैसे आए, लेकिन सुबह तक पूरा बैलेंस गायब हो गया।”

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह फिशिंग का खतरनाक रूप है। “सोशल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल कर अपराधी भरोसेमंद चीज़ – शादी का निमंत्रण या चालान – के रूप में वायरस भेजते हैं। एपीके दरअसल एक ऐप होती है। इसे इंस्टॉल करते ही पूरा फोन, चैट, बैंकिंग और ओटीपी तक अपराधियों के नियंत्रण में चला जाता है।”

पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध फाइल को डाउनलोड न करें। “अगर किसी भी तरह की ठगी होती है तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें,” एक अधिकारी ने कहा।

विशेषज्ञों की सलाह है – “शून्य भरोसा (Zero Trust) नीति अपनाएं। असली शादी का कार्ड या चालान कभी एपीके फाइल में नहीं होता, वह हमेशा पीडीएफ या जेपीईजी में मिलेगा। अगर फाइल एपीके है, तो यह ठगी है।”


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