जिले में बढ़ रहे डिजिटल अरेस्ट के मामले, जागरूक व्यापारी ने साइबर ठगी से बचाई अपनी रकम ।



शामली – जिले में डिजिटल अरेस्ट के मामलों में लगातार इज़ाफा हो रहा है। ताज़ा मामले में एक व्यापारी को ठग ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर फंसाने की कोशिश की, लेकिन व्यापारी की सतर्कता ने उसे बड़ी ठगी से बचा लिया।

शामली शहर निवासी व्यापारी कमल के पास सोमवार सुबह करीब पौने 10 बजे व्हाट्सएप कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस में इंस्पेक्टर बताते हुए व्यापारी पर चोरी का माल खरीदने का आरोप लगाया। इसके बाद आरोपी ने बार-बार वीडियो कॉल की और कॉल न उठाने पर गिरफ्तारी की धमकी देने लगा।

व्यापारी ने समझदारी दिखाते हुए बातचीत जारी रखते हुए सीधे साइबर क्राइम थाना पहुंचकर पुलिस को पूरी जानकारी दी और आरोपी से चल रही कॉल पुलिसकर्मियों को दे दी। जब पुलिस ने फोन पर आरोपी से बात करनी चाही और खुद को साइबर क्राइम विभाग से बताया, तो ठग ने तुरंत फोन काट दिया और फिर मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, व्यापारी की जागरूकता से ठगी की यह घटना टल गई। इससे पहले भी जिले में कई डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आ चुके हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक जेएस शाक्य और जलालाबाद निवासी एक महिला भी ऐसे मामलों का शिकार बन चुके हैं, जहां महिला से चार लाख रुपये की ठगी हो चुकी है।

साइबर क्राइम थाना प्रभारी सीमा शर्मा ने बताया, “व्यापारी की सतर्कता से एक बड़ी ठगी की कोशिश नाकाम हो गई। पुलिस कभी भी व्हाट्सएप या वीडियो कॉल पर जांच नहीं करती। यदि कोई खुद को पुलिसकर्मी बताकर वीडियो कॉल पर रुपयों की मांग करे, तो वह साइबर ठग हो सकता है। ऐसे मामलों की तत्काल शिकायत साइबर क्राइम थाना में करें।”

सावधान रहें, सतर्क रहें:

पुलिस किसी भी मामले में व्हाट्सएप या वीडियो कॉल पर संपर्क नहीं करती।

कोई भी व्यक्ति यदि खुद को पुलिस बताकर पैसे मांगे, तो तुरंत संबंधित थाने से जानकारी करें।

किसी के कहने पर रुपये ट्रांसफर न करें, पहले जांच अवश्य करें।

समय-समय पर ई-मेल और मोबाइल पासवर्ड बदलते रहें।




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