मुंबई में सोमवार को मॉनसून ने समय से 15 दिन पहले ही दस्तक दी, जिससे शहर में जमकर बारिश हुई और आम जनजीवन प्रभावित हुआ। मौसम विभाग ने मंगलवार के लिए मुंबई और ठाणे में येलो अलर्ट जारी किया है, जबकि रायगढ़ जिले में बुधवार तक ऑरेंज अलर्ट प्रभावी रहेगा। अनुमान है कि 30 मई तक बारिश की तीव्रता में थोड़ी कमी आ सकती है।
रविवार को मॉनसून ने देवगढ़ जिले में प्रवेश किया था और कयास लगाए जा रहे थे कि मुंबई में इसके पहुंचने में 3-4 दिन लग सकते हैं, लेकिन सोमवार को ही मानसून ने शहर में एंट्री कर ली।
108 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा:
इस बार की बारिश ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। 1918 में कोलाबा में मई महीने में 280 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जबकि इस साल अब तक 435 मिमी बारिश हो चुकी है। सोमवार को सिर्फ 9 घंटे में ही 144 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 2006 के एक दिन में हुई 128 मिमी बारिश से ज्यादा है।
जल्द मॉनसून के पीछे के कारण:
क्षेत्रीय मौसम विभाग की निदेशक शुभांगी भूटे ने बताया कि मॉनसून मुंबई से लेकर पुणे और मराठवाड़ा के उस्मानाबाद तक पहुंच चुका है। मौसम वैज्ञानिक सुषमा नायर के अनुसार, समय से पहले मॉनसून आने के पीछे दो बड़े कारण हैं—एक, सोमालिया से उठने वाली मजबूत क्रॉस इक्वेटोरियल हवाएं और दूसरा, पूर्वी अरब सागर में बना चक्रवाती परिसंचरण। साथ ही जूलियन मेडन ऑसीलेशन (MJO) का भी अनुकूल चरण चल रहा है, जिससे वातावरण में संवहन (कन्वेक्शन) बढ़ा और मॉनसून ने रफ्तार पकड़ ली।
'टेंपरेरी मॉनसून' का दावा:
हालांकि, वेगरीज के वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ राजेश कपाड़िया का मानना है कि यह एक 'टेंपरेरी' मॉनसून है। उन्होंने बताया कि अभी दक्षिण-पश्चिमी हवाएं सक्रिय नहीं हैं, जो असली मॉनसून की पहचान होती हैं। इस बार की बारिश उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व दिशा से आई है, जो सामान्य परिस्थितियों से अलग है। मराठवाड़ा में बने लो प्रेशर सिस्टम ने हवाओं को एंटी-क्लॉकवाइज दिशा में घुमाया, जिससे वे मुंबई तक पहुंचीं।
निष्कर्ष:
हालांकि फिलहाल बारिश से राहत नहीं दिख रही, लेकिन मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि अगले कुछ दिनों में बारिश की तीव्रता कम हो सकती है। फिलहाल, मुंबईकरों को भारी बारिश और जलजमाव से सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
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