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महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला: अब राज्यभर में दुकानें और होटल 24 घंटे खुले रहेंगे।



मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने राज्यभर की दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को अब चौबीसों घंटे खुले रखने की अनुमति दे दी है। इसमें रिहायशी होटल, रेस्तरां, भोजनालय, थिएटर और मनोरंजन स्थलों को भी शामिल किया गया है।
हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि शराब बेचने और परोसने वाले प्रतिष्ठान—जैसे वाइन शॉप, बीयर बार, डांस बार, हुक्का पार्लर, डिस्कोथेक और परमिट रूम—इस छूट का लाभ नहीं ले पाएंगे।

सरकार की ओर से 1 अक्टूबर को जारी सरकारी ठराव (जीआर) के अनुसार, ऐसे सभी प्रतिष्ठानों को अपने कर्मचारियों को सप्ताह में कम से कम 24 घंटे का लगातार अवकाश देना अनिवार्य होगा। वहीं, शराब से जुड़े प्रतिष्ठानों के कामकाज पर पहले से लागू समयबद्ध पाबंदियां आगे भी जारी रहेंगी।

पुराने आदेशों में बदलाव

दिसंबर 2017 की अधिसूचना में राज्य सरकार ने बीयर बार, डांस बार, हुक्का पार्लर, डिस्कोथेक, परमिट रूम और वाइन शॉप जैसे प्रतिष्ठानों के लिए तय समय निर्धारित किया था। जनवरी 2020 में हुए संशोधन के बाद थिएटर और सिनेमाघरों को इस पाबंदी से बाहर कर दिया गया था। अब ताज़ा जीआर में केवल शराब से जुड़े प्रतिष्ठानों को ही समयसीमा में बांधा गया है।

आधार पर उठी राजनीति

इस फैसले पर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “जनवरी 2020 में मेरी पहल पर यह नीति पहले से लागू है। तब बीजेपी नेताओं ने ‘संस्कृति और सुरक्षा’ का मुद्दा उठाकर मुझे घेरा था। अब वही नीति फिर से लागू करने वाले आज क्या कहेंगे? मुंबई एक मेहनतकश शहर है, जो 24x7 काम करता है। ऐसे शहर को देर रात तक खाने-पीने और मनोरंजन की सुविधा क्यों न मिले?”

होटल-रेस्तरां उद्योग ने जताई खुशी

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन (वेस्टर्न इंडिया) यानी HRAWI ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। संगठन के अध्यक्ष जिम्मी शॉ ने कहा, “यह निर्णय कारोबार को अधिक लचीलापन देगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन में मदद करेगा। मुंबई को वैश्विक शहर बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम है और ‘विकसित भारत 2047’ के विजन के अनुरूप है।”

एसोसिएशन के प्रवक्ता प्रदीप शेट्टी ने कहा, “24 घंटे संचालन से रोजगार बढ़ेंगे, उपभोक्ताओं को सहूलियत मिलेगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। फिलहाल शराब परोसने वाले प्रतिष्ठानों को छूट नहीं मिली है, लेकिन भविष्य में अगर यह पाबंदी हटे तो उद्योग और भी मज़बूत होगा।”


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