कुर्ला बस हादसा: नौ लोगों की मौत, दो निजी कंपनियों के अधिकारी अदालत से बरी
मुंबई, 30 सितंबर (भाषा)। कुर्ला में पिछले साल दिसंबर में हुई दर्दनाक बस दुर्घटना, जिसमें नौ लोगों की मौत और 42 लोग घायल हुए थे, मामले में दो वरिष्ठ अधिकारियों को अदालत ने आरोपमुक्त कर दिया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अविनाश कुलकर्णी ने सोमवार को 'एवे ट्रांस (एमयूएम) प्राइवेट लिमिटेड' के प्रबंध निदेशक रमेश कटिगंडला और 'मोर्या ट्रांस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' के सीईओ राम सूर्यवंशी को बरी कर दिया। इनके साथ बस चालक संजय मोरे पर भी चालक प्रशिक्षण, पर्यवेक्षण और तैनाती में लापरवाही बरतने का मामला दर्ज किया गया था।
यह हादसा 10 दिसंबर, 2024 की रात लगभग 9.30 बजे कुर्ला पश्चिम स्थित एस.जी. बर्वे मार्ग पर हुआ था। बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) की एक इलेक्ट्रिक बस चालक के नियंत्रण खो देने के बाद कई वाहनों और पैदल यात्रियों से टकरा गई थी।
आरोपियों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता सुवर्णा वस्त और शरण्या वस्त ने अदालत में तर्क दिया कि चालक संजय मोरे को बेस्ट में तीन वर्ष से अधिक समय तक बस चलाने का अनुभव था और उसे डिंडोशी डिपो में इलेक्ट्रिक बस चलाने का विधिवत प्रशिक्षण दिया गया था। बचाव पक्ष ने यह भी दलील दी कि बेस्ट ही अंतिम प्राधिकारी था जिसने मोरे को इलेक्ट्रिक बसें चलाने की मंजूरी दी थी।
बचाव पक्ष ने आगे कहा कि इस मामले में बेस्ट को आरोपी नहीं बनाया गया, जबकि भर्ती और संचालन संबंधी ज़िम्मेदारी प्रत्यक्ष रूप से बेस्ट के संचालन कर्मियों की थी। आरोपपत्र में दोनों अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया था। अदालत ने दलीलों को स्वीकार करते हुए दोनों अधिकारियों को आरोपमुक्त कर दिया।
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