‘आई लव महादेव’ बनाम ‘आई लव मुहम्मद’ मुहिम
मुंबई में धार्मिक नारों वाले बैनरों को लेकर विवाद तेज हो गया है। मुस्लिम समुदाय की ओर से मस्जिदों और सड़कों पर ‘आई लव मुहम्मद’ लिखे बैनर लगाए गए, जिसके जवाब में हिंदू संगठनों ने ‘आई लव महादेव’ मुहिम शुरू करने की घोषणा की है। इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत कानपुर से हुई, जहां पुलिस ने ऐसे ही बैनर लगाने वाले लोगों पर मामला दर्ज किया था।
बजरंग दल ने जताई आशंका
बजरंग दल ने इन बैनरों के पीछे "शांति भंग करने की साज़िश" होने का आरोप लगाया है। संगठन के कोंकण प्रांत संयोजक गौतम रवरिया ने कहा,
"हम बैनरों का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन इनके पीछे की मंशा संदिग्ध है। कश्मीर में भी इसी तरह के बैनरों को लेकर हंगामा हुआ और पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया।"
बजरंग दल ने बुधवार को आरे मिल्क कॉलोनी, यूनिट 20 में बैठक बुलाई और कहा कि यह अभियान देश के अन्य हिस्सों में भी चलाया जाएगा।
मुस्लिम संगठनों ने पुलिस पर लगाया भेदभाव का आरोप
मुस्लिम संगठनों का कहना है कि बैनरों पर की गई पुलिस कार्रवाई धार्मिक भेदभाव का उदाहरण है। उनका आरोप है कि पुलिस केवल एक समुदाय को निशाना बना रही है।
राष्ट्रपति को लिखा पत्र
मुंबई स्थित रज़ा अकादमी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर पुलिस कार्रवाई पर आपत्ति जताई। पत्र में कहा गया है कि,
"पुलिस का काम कानून-व्यवस्था बनाए रखना है, न कि धार्मिक भावनाओं को दबाना। यह कार्रवाई युवाओं और मुस्लिम समाज में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा कर रही है।"
रज़ा अकादमी ने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a), 21 और 25 का उल्लंघन है। साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज किए गए सभी मामलों को वापस लेने और एक निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
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