कंपनी की ज़मीन बेचकर दोबारा कंपनी को ही बेची, करोड़ों का फायदा उठाने का आरोप
मुंबई:
लोढ़ा डेवलपर्स लिमिटेड (LDL) के पूर्व पूरे समय निदेशक (Whole-time Director) राजेंद्र लोढ़ा पर कंपनी से करोड़ों रुपये की हेराफेरी का आरोप लगा है। पुलिस जांच में सामने आया है कि लोढ़ा ने कंपनी की ही ज़मीन पहले सस्ते में अपने करीबी को बेची और फिर वही ज़मीन कंपनी को ही करोड़ों में वापस बेच दी।
मामला क्या है?
यह मामला पनवेल के शिरडोन इलाके की 8,850 वर्ग मीटर जमीन से जुड़ा है। 2013 में कंपनी के कर्मचारी मंगेश पुराणिक ने यह ज़मीन कंपनी के लिए खरीदी थी। 2016 में उनकी मौत के बाद ज़मीन का नाम उनकी पत्नी और बच्चों के नाम दर्ज हुआ। 2017 में LDL ने यह ज़मीन पुराणिक परिवार से अपने नाम पर ले ली थी।
पुराणिक की पत्नी अपर्णा पुराणिक ने उस समय राजेंद्र लोढ़ा को पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) दिया था।
हेराफेरी कैसे हुई?
जांच में सामने आया कि जून 2022 में लोढ़ा ने इसी POA का इस्तेमाल कर ज़मीन को अपने बिजनेस पार्टनर रितेश नरसाना के नाम कर दिया। यह सौदा महज़ 5 लाख रुपये में दिखाया गया। तीन अलग-अलग एग्रीमेंट्स में कहा गया कि LDL इस ज़मीन का विकास नहीं कर पा रही थी।
इसके बाद अक्टूबर 2024 में लोढ़ा ने कंपनी को मजबूर किया कि वही ज़मीन नरसाना से 2.65 करोड़ रुपये में वापस खरीदी जाए। इस तरह उन्होंने करोड़ों का निजी मुनाफ़ा कमाया।
कंपनी को कैसे पता चला?
23 जुलाई 2025 को कंपनी को इस गड़बड़ी का आंशिक खुलासा हुआ, जब लोढ़ा ने अपनी अन्य कारोबारी रुचियों की अधूरी जानकारी कंपनी सचिव को दी। कंपनी ने जब मंत्रालय (MCA) और अन्य स्रोतों से रिकॉर्ड मिलाए तो हेराफेरी की पुष्टि हुई।
कंपनी ने लोढ़ा से 31 जुलाई को उनके पूरे संपत्ति विवरण मांगे। लेकिन उन्होंने देने से मना कर दिया और कहा कि वे इस्तीफ़ा देना पसंद करेंगे। इसके बाद कंपनी की एथिक्स कमेटी ने प्राथमिक जांच की, जिसमें लगभग 100 करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए।
गिरफ्तारी
LDL ने मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। 16 सितंबर को एफआईआर दर्ज की गई और 17 सितंबर को मुंबई क्राइम ब्रांच ने लोढ़ा को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें 23 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है।
0 टिप्पणियाँ