ठाणे: मानपाड़ा इलाके में एक हाउसिंग सोसाइटी में गलत साइड से प्रवेश को लेकर हुए विवाद के बाद पुलिस अधिकारी और कर्मचारी पर हमले के आरोप में फंसे लॉ स्टूडेंट मैत्रेय कुलकर्णी को ठाणे सत्र न्यायालय ने अग्रिम जमानत दे दी है।
मामले के अनुसार, कुछ दिन पहले पुलिस अधिकारी सचिन राजपूत और जोन-2 के पुलिस उपायुक्त अमित काले के निजी कर्मचारी आशीष बारडे, नीलकंठ ग्रीन्स सोसाइटी, मुला बाग में गलत दिशा से वाहन लेकर दाखिल हुए थे। इसी दौरान सोसाइटी में रहने वाले कुलकर्णी से उनका विवाद हो गया और कथित तौर पर झगड़ा बढ़ गया।
अदालत ने सीसीटीवी फुटेज का हवाला देते हुए माना कि असल में गलती पुलिसकर्मियों की ही थी और उन्होंने मामले में मनमानी दिखाई। अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस ने अपने ही कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने में जानबूझकर ढिलाई बरती।
अदालत के मुताबिक, कुलकर्णी और राजपूत दोनों के बीच धक्का-मुक्की और मारपीट हुई थी, लेकिन इसे पहले से रची गई साजिश या जान से मारने की नीयत नहीं माना जा सकता। पुलिस का दावा था कि कुलकर्णी ने छाते की रॉड से हमला किया, लेकिन अदालत ने साफ कहा कि "यह सिर्फ एक छाता था, कोई जानलेवा हथियार नहीं।"
इसके अलावा अदालत ने यह भी सवाल उठाया कि कुलकर्णी की शिकायत पुलिस ने दर्ज क्यों नहीं की, जबकि राजपूत पर केवल बाद में गैर-संज्ञेय अपराध दर्ज किया गया, वह भी अदालत के आदेश के बाद। अदालत ने कहा कि पुलिस ने अपने लोगों को बचाने के लिए शिकायत दर्ज करने में 14 दिन की देरी की।
अदालत ने टिप्पणी की कि गलत दिशा में गाड़ी चलाने वाले राजपूत के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। चूंकि आरोपी कानून के छात्र हैं और उनका पता स्पष्ट है, इसलिए अदालत ने अग्रिम जमानत मंजूर करते हुए कहा कि पुलिस जांच के लिए उनकी हाजिरी ही पर्याप्त होगी।
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