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काशी से पीएम मोदी का 'स्वदेशी' आह्वान: अस्थिर वैश्विक हालात में आत्मनिर्भरता की ओर भारत

काशी से पीएम मोदी का 'स्वदेशी' आह्वान: अस्थिर वैश्विक हालात में आत्मनिर्भरता की ओर भारत


वाराणसी: काशी, बौद्धिक परंपराओं की नगरी, से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बीच स्वदेशी के संकल्प को दोहराया। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे उन उत्पादों को प्राथमिकता दें, जिन्हें भारतीय पसीने और कौशल से बनाया गया है। यह आह्वान ऐसे समय में आया है जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि आज विश्व अर्थव्यवस्था कई आशंकाओं और अस्थिरता के माहौल से गुजर रही है, जहां हर देश अपने हितों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। ऐसे में भारत को भी अपने आर्थिक हितों के प्रति सजग रहना होगा। किसानों, लघु उद्योगों और युवाओं के रोजगार को सर्वोपरि बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में हरसंभव प्रयास कर रही है।


'वोकल फॉर लोकल' का मंत्र

प्रधानमंत्री मोदी ने "वोकल फॉर लोकल" के मंत्र को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि खरीदारी करते समय हमारा एक ही पैमाना होना चाहिए - भारत में बनी चीजें, जिसमें किसी भारतीय का पसीना बहा हो, भारतीय लोगों के कौशल से बनी हो। उन्होंने प्रत्येक नागरिक से यह जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया कि उनके घर में आने वाला हर नया सामान स्वदेशी ही होगा।


व्यापार जगत से विशेष अपील

प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से व्यापारियों और दुकानदारों से आग्रह किया कि वे केवल स्वदेशी माल ही बेचें। उन्होंने इसे देश की सच्ची सेवा बताया, खासकर आने वाले त्योहारों और शादियों के मौसम को देखते हुए। उन्होंने 'वेड इन इंडिया' (भारत में विवाह करें) के अपने पिछले आह्वान को भी दोहराया, और खुशी व्यक्त की कि कई युवाओं ने विदेशों में शादी की योजना रद्द कर भारत में ही विवाह करने का फैसला किया है।


महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि स्वदेशी का यह भाव ही आने वाले दिनों में भारत का भविष्य तय करेगा और यह महात्मा गांधी को भी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि "सबके प्रयास से ही विकसित भारत का सपना पूरा होगा।"

यह संदेश स्पष्ट करता है कि मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना केवल सरकार का नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है, ताकि वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत आर्थिक रूप से सशक्त और स्थिर बन सके।

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