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मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना" में बड़ा घोटाला: 26.34 लाख लाभार्थियों का लाभ अस्थायी रूप से निलंबित, 14,000 से अधिक पुरुष भी पाए गए लाभार्थियों में।



मुंबई: महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना में बड़ी अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। राज्य सरकार ने पात्रता की जांच के बाद 26.34 लाख लाभार्थियों के खातों से भुगतान अस्थायी रूप से रोक दिया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस योजना का लाभ 14,298 पुरुषों को भी मिल रहा था, जबकि यह योजना केवल महिलाओं के लिए शुरू की गई थी

महिला और बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे ने रविवार को एक बयान जारी कर बताया कि विभिन्न विभागों से डेटा लेकर सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग ने पात्रता की गहन जांच की। जांच में सामने आया कि कई लाभार्थी ऐसे भी थे जो एक से अधिक सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे थे। कुछ परिवारों में दो से अधिक सदस्यों को लाभ मिल रहा था और कुछ पुरुषों के नाम भी लाभार्थियों की सूची में शामिल थे।

तटकरे ने कहा, “कुछ लाभार्थियों को कई योजनाओं का लाभ मिल रहा था। कई परिवारों में दो से अधिक महिलाओं को यह सहायता मिल रही थी और हैरान करने वाली बात यह है कि कई पुरुषों को भी यह योजना का पैसा मिल रहा था।”

जून 2025 से इन 26.34 लाख खातों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। हालांकि, मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह एक एहतियातन कदम है और जिला कलेक्टरों को विस्तृत समीक्षा कर पात्रता की फिर से पुष्टि करने का निर्देश दिया गया है। जो महिलाएं पात्र पाई जाएंगी, उन्हें फिर से लाभ देना शुरू किया जाएगा।

2.25 करोड़ महिलाओं को मिला जून का ₹1500 मासिक लाभ
वहीं दूसरी ओर, पात्र पाई गई लगभग 2.25 करोड़ महिलाओं को जून 2025 का ₹1,500 मासिक लाभ उनके खातों में दिया गया।

इस घोटाले पर विपक्ष ने सरकार की तीखी आलोचना की है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने जवाब देते हुए कहा, “यह योजना गरीब महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई थी। इसमें पुरुषों द्वारा लाभ लेना पूरी तरह से गलत है। ऐसे लोगों से पैसा वापस लिया जाएगा और अगर वे सहयोग नहीं करते तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

क्या है योजना:
मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना की शुरुआत अगस्त 2024 में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महायुति सरकार द्वारा की गई थी। यह योजना राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई थी और इसका लाभ उन महिलाओं को मिलता है जिनकी सालाना आय ₹2.5 लाख से कम है। चुनाव के दौरान महायुति ने इस राशि को ₹2,100 तक बढ़ाने का वादा किया था, जिसे योजना की लोकप्रियता और चुनावी जीत का अहम कारण माना गया।

हालांकि मार्च 2025 में वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा प्रस्तुत बजट में इस राशि में बढ़ोतरी की कोई घोषणा नहीं की गई, जिससे विपक्ष ने सरकार पर वादाखिलाफी और राज्य की अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त बोझ डालने का आरोप लगाया।

अंत में तटकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री फडणवीस, उपमुख्यमंत्री शिंदे और पवार के साथ चर्चा कर सरकार जल्द ही नकली लाभार्थियों के खिलाफ कार्रवाई की दिशा तय करेगी।



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