नवी मुंबई: नवी मुंबई पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) ने एक बड़े ऑनलाइन देह व्यापार रैकेट का पर्दाफाश करते हुए छह लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें पांच एजेंट और एक रिक्शा चालक शामिल हैं। इस दौरान आठ महिलाओं को देह व्यापार के दलदल से मुक्त कराया गया। रैकेट से जुड़े तीन अन्य आरोपी एजेंटों को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया, जबकि कुछ आरोपी अभी भी फरार हैं
मैसेजिंग ऐप और वेबसाइट के जरिए चल रहा था ऑनलाइन रैकेट, गुप्त सूचना से पुलिस हरकत में
8 जुलाई को AHTU को सूचना मिली कि नवी मुंबई में कुछ लोग ऑनलाइन मैसेजिंग ऐप और वेबसाइट्स के जरिए देह व्यापार चला रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने एक नकली ग्राहक को रैकेट से संपर्क करने के लिए भेजा, जिसने ऑनलाइन उपलब्ध नंबर पर कॉल किया।
होटल गोल्डन ओक (तुर्भे) से पहली गिरफ्तारी, महिला के बयान से खुला पूरा जाल
नकली ग्राहक ने तुर्भे स्थित होटल गोल्डन ओक में कमरा बुक किया। आरोपी एजेंटों ने वहां एक महिला को भेजा। तय समय पर पुलिस ने छापा मारा और महिला को हिरासत में लिया। पूछताछ में महिला ने बताया कि ऑनलाइन रैकेट का संचालन राजेशकुमार मुन्ना यादव कर रहा था। उसे वाशी के जुहूगांव से गिरफ्तार किया गया।
नेरुल से दो और महिलाएं रेस्क्यू, मुख्य एजेंट शंभू उपाध्याय और मक़बूल उर्फ बॉबी का नाम सामने आया
राजेशकुमार के मोबाइल डाटा की तकनीकी जांच में पुलिस ने बाकी पीड़ित महिलाओं की लोकेशन नेरुल के एक किराए के घर में ट्रेस की। वहां छापा मारकर दो महिलाओं को मुक्त कराया गया। दोनों ने बताया कि वे शंभू मुनिलाल उपाध्याय और मक़बूल उर्फ बॉबी के नियंत्रण में थीं।
रिक्शा चालक और एजेंट गिरफ्तार, शहर के होटलों में महिला पहुंचाने का जिम्मा था
आगे की जांच में रिक्शा चालक मुकेश राय और एजेंट दिनेश डांगी को गिरफ्तार किया गया, जो इन महिलाओं को वाशी, नेरुल और तुर्भे के होटलों तक पहुंचाने का काम करते थे। इनकी गिरफ्तारी के साथ दो और महिलाओं को बचाया गया।
तुर्भे MIDC पुलिस स्टेशन में मामला अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम (PITA) के तहत दर्ज किया गया। तीनों गिरफ्तार आरोपियों को 14 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया।
तीन फरार एजेंट पश्चिम बंगाल के मालदा से गिरफ्तार, स्थानीय पुलिस की मदद से कार्रवाई
तीन फरार एजेंट शंभू उपाध्याय (32), धीरेंद्र तिलकचंद आर्य (26) और मक़बूल उर्फ बॉबी (43) को पुलिस ने पश्चिम बंगाल के मालदा से गिरफ्तार किया। एपीआई योगेश देशमुख, कांस्टेबल अनिल मंडोले और सिपाही पारासुर की टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से कार्रवाई की और आरोपियों को नवी मुंबई लाकर तुर्भे पुलिस को सौंपा।
तीन वेबसाइटों से हो रही थी बुकिंग, प्रति ग्राहक ₹4000 वसूले जाते थे
जांच में सामने आया कि रैकेट द्वारा इस्तेमाल किया गया मोबाइल नंबर तीन अलग-अलग वेबसाइट्स से जुड़ा था। एजेंट व्हाट्सएप के जरिए ग्राहकों से संपर्क करते थे और होटलों में बुकिंग तय करते थे। प्रत्येक ग्राहक से ₹4,000 वसूले जाते थे, जिसमें से ₹2,000 महिला को दिए जाते थे और बाकी राशि एजेंटों में बंट जाती थी।
ACP बंसोडे और सीनियर इंस्पेक्टर घोरपड़े के नेतृत्व में बड़ी कार्रवाई
पूरी कार्रवाई एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) धरमपाल बंसोडे के मार्गदर्शन में की गई। अभियान का नेतृत्व वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रथ्वीराज घोरपड़े, सहायक निरीक्षक योगेश देशमुख, अलका पाटिल, PSI सरिता गुडे और उनकी टीम ने किया।
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