चेन्नई से बड़ी खबर सामने आई है। तमिलनाडु सरकार ने राज्य के 21 प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए 1,000 किलो से ज्यादा सोने को पिघलवाकर 24 कैरेट की शुद्ध सोने की छड़ों में तब्दील कर दिया है। यह सोना अब बैंकों में जमा कर दिया गया है, जिससे सरकार को हर साल करीब 17.81 करोड़ रुपये का ब्याज मिल रहा है।
राज्य सरकार का कहना है कि इस ब्याज राशि का इस्तेमाल मंदिरों के विकास और पुनर्निर्माण कार्यों में किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, यह पूरा सोना मुंबई की सरकारी टकसाल में पिघलवाया गया और फिर इसे भारतीय स्टेट बैंक की स्वर्ण निवेश योजना के तहत जमा किया गया।
तमिलनाडु विधानसभा में हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ निधि विभाग के मंत्री पी. के. शेखर बाबू द्वारा प्रस्तुत नीति नोट में बताया गया कि इस योजना की निगरानी तीन समितियों द्वारा की जा रही है, जिनकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश कर रहे हैं।
इस योजना में सबसे बड़ा योगदान तिरुचिरापल्ली जिले के प्रसिद्ध अरुलमिगु मरिअम्मन मंदिर, समयपुरम का रहा है, जिसने अकेले 424.26 किलोग्राम सोना दिया।
अब सरकार अगला कदम उठाने की तैयारी में है। मंदिरों में रखी अप्रयुक्त चांदी की वस्तुओं को भी पिघलाकर शुद्ध चांदी की छड़ों में बदला जाएगा। इसके लिए सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त चांदी गलाने वाली कंपनियों की मदद ली जा रही है।
0 टिप्पणियाँ