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पहलगाम आतंकी हमले के बाद सदमे में इंदौर का परिवार, चार दिन बाद भी नहीं भूले डरावने पल।



इंदौर: पहलगाम में हुए आतंकी हमले में अपने पिता सुशील नथानियल को खोने वाला परिवार अभी भी गहरे सदमे में है। इंदौर के वीणानगर स्थित घर में शोक की लहर है। सुशील की पत्नी जेनिफर पूरी तरह टूट चुकी हैं और एक कमरे में चुपचाप बैठी रहती हैं। आंखों से लगातार आंसू बहते रहते हैं और वह मिलने आए लोगों से भी बातचीत नहीं कर पा रही हैं।

हमले में घायल हुई उनकी बेटी आकांक्षा के पैर में फ्रैक्चर हो गया है और वह फिलहाल बांबे अस्पताल में भर्ती हैं। उनके भाई ऑस्टिन हर वक्त उनकी सेवा में लगे हुए हैं।

ऑस्टिन ने बताया कि हमले के वक्त वे परिवार के साथ घूमने गए थे और सभी मस्ती के मूड में थे। "हम फोटो और वीडियो बना रहे थे। तभी अचानक गोलियों की आवाज़ आई और अफरा-तफरी मच गई। मुझे एक कारतूस का टुकड़ा पीठ पर लगा और लोग गिरने लगे," उन्होंने बताया।

उन्होंने बताया कि हमले में शामिल आतंकियों ने सिर पर कैमरा लगा रखा था और वे लोगों को गोली मारने के साथ-साथ वीडियो बना रहे थे। "वे यह भी पूछ रहे थे कि कौन मुसलमान है और उसके बाद गोली मार रहे थे।"

ऑस्टिन और कुछ अन्य लोग पास के टेंट में छिप गए जिससे उनकी जान बच गई। उन्होंने कहा, "हमने कोई शोर नहीं किया, इसी वजह से शायद हम बच पाए। हमारे पास ही तीन-चार लोगों को गोली मार दी गई।"

इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद इंदौर के छप्पन दुकान क्षेत्र में व्यापारियों ने विरोध जताया है। व्यापारी संघ अध्यक्ष गुंजन शर्मा के अनुसार, दुकानों पर ‘पिग व पाकिस्तानियों का प्रवेश निषेध’ जैसे पोस्टर लगाए गए हैं, और लोगों ने इन पोस्टर्स के साथ सेल्फी लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया।



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