दिल्ली नगर निगम में भाजपा का कब्जा, राजा इकबाल सिंह दूसरी बार बने महापौर ।




नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में शुक्रवार को हुए महापौर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी राजा इकबाल सिंह ने बड़ी जीत दर्ज की। उनके साथ ही उप महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी जय भगवान यादव को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। इस जीत के साथ ही भाजपा ने एमसीडी की सत्ता पर कब्जा जमा लिया है, जिससे केंद्र और राज्य के साथ अब दिल्ली में 'ट्रिपल इंजन' की सरकार बन गई है।

आप ने चुनाव से बनाई दूरी
महापौर चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) ने भाग नहीं लिया। अल्पमत और पार्षदों के संभावित दल-बदल के डर से आप ने पहले ही अपने प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारे। हालांकि आप के पार्षद एमसीडी मुख्यालय तो पहुंचे, लेकिन मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया। आप के पास तीन विधायक और तीन राज्यसभा सदस्यों समेत कुल 119 वोट थे।

कांग्रेस को मिली सिर्फ 8 वोट
कांग्रेस की ओर से महापौर पद के लिए मंदीप सिंह मैदान में थे, जिन्हें केवल 8 वोट मिले। वहीं, भाजपा प्रत्याशी राजा इकबाल सिंह को 133 मत मिले। एक मत तकनीकी खामी के चलते रद्द हो गया। कुल मिलाकर 262 में से 142 वोट पड़े, क्योंकि भाजपा का एक सांसद अनुपस्थित रहा।

जय भगवान यादव निर्विरोध उप महापौर
महापौर चुने जाने के बाद राजा इकबाल सिंह ने सदन का समय बचाने के लिए कांग्रेस से उप महापौर पद के लिए नाम वापस लेने की अपील की। इस पर कांग्रेस प्रत्याशी आरिबा खान ने अपना नाम वापस ले लिया, जिसके चलते भाजपा प्रत्याशी जय भगवान यादव को निर्विरोध उप महापौर घोषित कर दिया गया।

राजा इकबाल सिंह की दूसरी पारी
राजा इकबाल सिंह इससे पहले 2021 में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर रह चुके हैं। वे वर्तमान में मुखर्जी नगर वार्ड से दूसरी बार पार्षद हैं। 2017 में शिरोमणि अकाली दल के कोटे से भाजपा के चुनाव चिन्ह पर पार्षद बने थे। कृषि कानूनों को लेकर भाजपा और अकाली दल के गठबंधन में दरार आने के बाद भी राजा इकबाल भाजपा के साथ बने रहे। राजा इकबाल सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय के खालसा कॉलेज से बीएससी और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई कर चुके हैं।

पहलगाम हमले में मृतकों को श्रद्धांजलि
महापौर चुनाव के दौरान सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता कर रहीं सत्या शर्मा ने पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी और दो मिनट का मौन रखवाया। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की गई। चुनाव के लिए सदन को पारंपरिक तरीके से सजाया गया था, लेकिन कार्यवाही शुरू होने से पहले सभी सजावट हटा दी गई। महापौर निर्वाचित होने के बाद राजा इकबाल सिंह ने किसी से गुलदस्ता नहीं लिया, जिससे सादगीपूर्ण चुनाव प्रक्रिया का संदेश गया।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ