लखनऊ, 25 अप्रैल: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को मदरसा शिक्षा व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में बड़े सुधारों की आवश्यकता जताई। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मदरसे केवल मजहबी शिक्षा तक सीमित न रहें, बल्कि विद्यार्थियों को आधुनिक, गुणवत्तापूर्ण और रोजगारपरक शिक्षा भी मिलनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल सुधार नहीं, बल्कि नवाचार और समावेशिता के ज़रिए मदरसा शिक्षा को मुख्यधारा से जोड़ना है, ताकि समाज के हर वर्ग को समान अवसर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जा सके।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को मदरसा शिक्षा व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में बड़े सुधारों की आवश्यकता जताई
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा कामिल और फाजिल डिग्रियों को असंवैधानिक घोषित किए जाने के बाद नई चुनौतियां सामने आई हैं। ऐसे में शिक्षा के मानकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप बनाने की जरूरत है। इसके लिए पाठ्यक्रम में बदलाव, शिक्षकों की योग्यता और नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है, जिसकी अध्यक्षता निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण करेंगे और जिसमें शिक्षा, वित्त और न्याय विभागों के विशेष सचिव शामिल होंगे। यह समिति मदरसों के संचालन और सुधारों पर अपनी रिपोर्ट देगी।
बैठक में बताया गया कि राज्य में 13,329 मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हैं, जिनमें 12.35 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। इनमें से 561 मदरसे अनुदानित हैं, जहां 9889 शिक्षक और 8367 शिक्षणेत्तर कर्मचारी कार्यरत हैं। इन सभी को सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन दिया जा रहा है।
2017 में शुरू किए गए मदरसा पोर्टल से सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन हो गई हैं, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही में वृद्धि हुई है। हालांकि, बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है — 2016 में जहाँ यह संख्या 4.22 लाख थी, वहीं 2025 में घटकर 88 हजार रह गई है।
मदरसा शिक्षा परिषद अब केवल मौलवी और आलिम स्तर की परीक्षाएं आयोजित कर रही है। शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए SCERT का पाठ्यक्रम लागू किया जा चुका है और जल्द ही माध्यमिक शिक्षा परिषद के अनुरूप कक्षा 9 से 12 तक नया पाठ्यक्रम भी लागू होगा। नए पाठ्यक्रम में धार्मिक विषयों के साथ-साथ गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिंदी और अंग्रेज़ी जैसे आधुनिक विषयों को भी शामिल किया गया है।
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