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राज्य में रोजगार के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों पर बनने जा रहा है सख्त कानून।



निजी प्लेसमेंट एजेंसियों पर सरकार की सख्ती: बिना रजिस्ट्रेशन पर एक लाख जुर्माना और तीन साल की जेल

मुंबई।
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में निजी प्लेसमेंट एजेंसियों की गतिविधियों पर नियंत्रण और पारदर्शिता लाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुती सरकार ने महाराष्ट्र निजी प्लेसमेंट एजेंसी (विनियमन) विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी है। इस विधेयक के तहत बिना पंजीकरण काम करने वाली एजेंसियों पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना और तीन साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है।

कौशल विकास, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने इस संबंध में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य राज्य के युवाओं को सुरक्षित और भरोसेमंद रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।

ठगी की घटनाओं पर लगेगी लगाम

प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से युवाओं के साथ हो रही धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए विधेयक में कड़े प्रावधान जोड़े गए हैं। अगर कोई एजेंसी किसी युवक के साथ फर्जी वादे कर उसे ठगती है, और दोषी पाई जाती है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ उसका पंजीकरण भी रद्द कर दिया जाएगा।

इसके अलावा अब हर एजेंसी को पांच साल में अपने पंजीकरण का नवीनीकरण कराना अनिवार्य होगा।

2028 तक महाराष्ट्र को बनेगा ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी

लोढ़ा ने आगे बताया कि महाराष्ट्र देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसका भारत की नॉमिनल जीडीपी में 14% यानी करीब 35.27 लाख करोड़ रुपये का योगदान है। राज्य का लक्ष्य 2028 तक इसे एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलने का है।

इसके लिए सरकार ने 1500 से अधिक उद्योगों और दो लाख से ज्यादा प्रशिक्षुओं को जोड़ते हुए कौशल आवश्यकता विश्लेषण सर्वेक्षण (MSNAS) शुरू किया है, ताकि राज्य में कौशल और उद्योगों के बीच की खाई को कम किया जा सके और आर्थिक नींव को और मजबूत बनाया जा सके !

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