मुंबई के गोरगांव इलाके में एक दर्दनाक लेकिन दिल को छू लेने वाली घटना सामने आई है। देर रात बांगर नगर पुलिस स्टेशन की टीम ने दो वैनों के बीच एक नवजात शिशु को लावारिस हालत में पाया। बताया जा रहा है कि यह घटना आधी रात के करीब की है, जब पुलिस की बीट मार्शल टीम गश्त पर थी।
गश्त के दौरान जवानों ने एक सुनसान और कम रोशनी वाले इलाके से हल्की रोने की आवाज़ सुनी। जब उन्होंने वहां जाकर जांच की, तो देखा कि एक नवजात शिशु कपड़े में लिपटा हुआ सड़क किनारे पड़ा है। पुलिस कर्मियों ने तुरंत इंसानियत का परिचय देते हुए, निर्भया स्क्वॉड की मदद से शिशु को शताब्दी अस्पताल पहुंचाया।
अस्पताल के डॉक्टरों ने शिशु को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया और बताया कि वह सुरक्षित और स्वस्थ है। आवश्यक उपचार के बाद बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और बांगर नगर पुलिस की देखरेख में ले लिया गया। बाद में, निर्भया स्क्वॉड की सहायता से उस नवजात को अंधेरी (पश्चिम) स्थित सेंट कैथरीन होम में सौंप दिया गया, जहां अनाथ और परित्यक्त बच्चों की देखभाल की जाती है।
इस घटना के बाद पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि शिशु को वहां किसने और क्यों छोड़ा।
मुंबई पुलिस की इस मानवीय और त्वरित कार्रवाई की सोशल मीडिया पर जमकर सराहना हो रही है। कई नागरिकों ने पुलिस की संवेदनशीलता और तत्परता की तारीफ करते हुए कहा कि “इंसानियत आज भी जिंदा है।”
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