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भाभा अस्पताल की दवा दुकान बंद, मरीजों की बढ़ी परेशानी

भाभा अस्पताल की दवा दुकान बंद, मरीजों की बढ़ी परेशानी मुंबई के कुर्ला स्थित मनपा संचालित भाभा अस्पताल एक बड़ी लापरवाही के चलते चर्चा में आ गया है। देर रात एक शख्स ने अस्पताल की दवा दुकान बंद होने का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें मरीजों को हो रही मुश्किलों को सामने रखा गया। वीडियो के मुताबिक, यह घटना 30 सितंबर की रात करीब 2:17 बजे की है। वीडियो बनाने वाले शख्स ने अपना नाम दानिश कृषी बताया। उन्होंने कहा कि अस्पताल की मेडिकल फार्मेसी दो दिनों से बंद है और डॉक्टर मरीजों को एलबीएस रोड पर स्थित प्राइवेट मेडिकल से दवाइयाँ लेने की सलाह दे रहे हैं। दानिश ने सवाल उठाते हुए कहा, “अगर मरीज की तबीयत बिगड़ रही हो और उसे समय पर दवा न मिले तो जिम्मेदार कौन होगा? यहां कोई सुरक्षा नहीं है। दवाइयाँ बाहर से खरीदने पर गरीब मरीजों को भारी खर्च उठाना पड़ता है।" उन्होंने बताया कि वे अपने एक रिश्तेदार को इलाज के लिए अस्पताल लाए थे। डॉक्टर से परामर्श और मात्र 10 रुपये का पर्चा कटवाने के बाद उन्हें यह कहकर बाहर भेज दिया गया कि फार्मेसी बंद है। मजबूर होकर उन्हें बाहर की मेडिकल दुकान से दवाइयाँ खरीदनी पड़ीं। दानिश कृषी ने अपनी अपील में समाजसेवी अखिल खत्री और अस्पताल के डीन से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की। उन्होंने कहा कि भाभा अस्पताल की दवा दुकान बंद रहने से गरीब और ज़रूरतमंद मरीज रात में भटक रहे हैं। यह मामला सार्वजनिक अस्पतालों में मरीजों के सामने आने वाली गंभीर समस्या की ओर इशारा करता है। सरकारी अस्पतालों की फार्मेसी गरीबों के लिए जीवनरेखा मानी जाती है। लेकिन यदि ये दवा दुकानें बंद रहती हैं, तो मरीजों को निजी मेडिकल स्टोर से महँगी दवाएँ खरीदनी पड़ती हैं, जिससे न सिर्फ आर्थिक बोझ बढ़ता है बल्कि इलाज में भी देरी होती है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाएँ कब तक ठप रहती रहेंगी और जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या आप चाहेंगे कि मैं इस खबर के लिए एक 30-सेकंड का न्यूज़ एंकर स्क्रिप्ट भी बना दूँ, जिसे टीवी/वीडियो न्यूज में इस्तेमाल किया जा सके?

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