
मुंबई, 25 अगस्त: म्हाडा की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह का मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने भंडाफोड़ किया है. इस मामले में दो मुख्य आरोपियों, कल्पेश सेवक और अमोल पटेल, को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह म्हाडा (महाराष्ट्र गृहनिर्माण और क्षेत्र विकास प्राधिकरण) की आधिकारिक वेबसाइट जैसी एक नकली वेबसाइट बनाकर लोगों को घर दिलाने का झांसा देता था.
कैसे किया जाता था फर्जीवाड़ा?
यह गिरोह म्हाडा की असली वेबसाइट, mhada.gov.in, की नकल करके एक फर्जी वेबसाइट mhada.org चला रहा था. यह वेबसाइट दिखने में बिल्कुल असली जैसी थी, जिससे आम लोग इसे पहचान नहीं पाते थे. ठग लोगों से घर के लिए ऑनलाइन आवेदन करने और पैसे जमा करने के लिए कहते थे. फर्जी वेबसाइट पर एक पेमेंट लिंक दिया गया था, जिसके जरिए पैसे सीधे आरोपियों के बैंक खातों में चले जाते थे.
50 लाख से ज़्यादा की ठगी का शक
पुलिस ने बताया कि इस गिरोह ने अब तक 50 लाख रुपये से ज़्यादा की ठगी की है. हालाँकि, जाँच अभी जारी है और यह संख्या बढ़ सकती है. इस धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब म्हाडा के कुछ अधिकारियों ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई. अधिकारियों ने बताया कि कुछ लोग फर्जी वेबसाइट के जरिए पैसे गंवाने के बाद म्हाडा कार्यालय में पूछताछ के लिए आ रहे थे.
पुलिस की अपील: रहें सावधान!
मुंबई पुलिस के साइबर सेल ने नागरिकों से अपील की है कि वे म्हाडा की आधिकारिक वेबसाइट **[https://housing.mhada.gov.in/](https://housing.mhada.gov.in/)** पर ही आवेदन करें. किसी भी तरह के ऑनलाइन पेमेंट या जानकारी देने से पहले वेबसाइट की जाँच ज़रूर करें. म्हाडा ने साफ किया है कि उसकी लॉटरी प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन और सुरक्षित है, और किसी भी एजेंट या बिचौलिए के माध्यम से कोई काम नहीं किया जाता है.
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