मुंबई: डोंगरी स्थित उमेरखाड़ी बालगृह में बनी जान-पहचान अब गोवंडी की सड़कों पर खून-खराबे और अपराध में बदल गई है। कभी नाबालिग रहते हुए हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराधों में पकड़े गए छह युवक अब एक गैंग बनाकर सक्रिय हो गए हैं। 24 अगस्त की रात इन युवकों ने नशे के खिलाफ कार्रवाई कर रही पुलिस टीम पर हमला कर दो पुलिसकर्मियों को गंभीर रूप से घायल कर दिया।
घटना का विवरण
रविवार रात (24 अगस्त) को देवनार पुलिस स्टेशन की टीम नियमित गश्त पर निकली थी। टीम जब अंतलता गार्डन ग्राउंड के पास पहुंची तो पांच युवक गांजा पीते दिखे। पुलिस ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की तो उन्होंने अचानक चाकुओं से हमला कर दिया। कांस्टेबल एच. भालेराव के पेट पर वार हुआ, जबकि कांस्टेबल सूर्यवंशी के कान में चोट आई। घायल होने के बावजूद दोनों ने पुलिस स्टेशन को सूचना दी, जिसके बाद अतिरिक्त बल मौके पर पहुंचा और आरोपियों को दबोच लिया।
आरोपियों पर हत्या का प्रयास, अवैध जमावड़ा, हथियारों के साथ दंगा, शासकीय कर्मचारी पर हमला, गांजा रखने और सेवन करने समेत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। दोनों घायल पुलिसकर्मी फिलहाल चेंबूर के अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत स्थिर है।
बालगृह में हुई थी जान-पहचान
डोंगरी का उमेरखाड़ी बालगृह 12 से 18 वर्ष के अपराध में लिप्त बच्चों के लिए है। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों में से चार — गबरू (शोएब खान), बिल्डर (अफान खान), जीसू (जिशान खान) और डैनी (साहेब आलम सावत) — यहीं पर मिले थे। गबरू, बिल्डर और जीसू हत्या के आरोप में नाबालिग रहते पकड़े गए थे, जबकि डैनी गंभीर चोट पहुंचाने के मामले में बालगृह भेजा गया था।
बाद में बाहर आने के बाद इनकी दोस्ती गहरी होती गई और इनके गैंग में दो और युवक — शमशु (शमसुद्दीन सावत) और जैकी (जिदान शेख) — शामिल हो गए। सातवां आरोपी मोहम्मद कैफ नौशाद खान उर्फ कैफू फिलहाल फरार है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस का कहना है कि कैफू भी हत्या के आरोप में बालगृह में रह चुका है और अब इस गैंग का हिस्सा है। यह गैंग नशे का सेवन करता है और अपराध की घटनाओं में शामिल रहता है। फिलहाल छह आरोपियों को 29 अगस्त तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है। पुलिस को शक है कि इन सातों का नाम अन्य कई वारदातों में भी हो सकता है, जिसकी जांच की जा रही है।
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