मुंबई में उद्यमी के ऑफिस में तोड़फोड़: मनसे के 5 कार्यकर्ता गिरफ्तार, सुशील केडिया ने मांगी माफ़ी।




मुंबई के वर्ली इलाके में एक बड़े घटनाक्रम के तहत उद्यमी सुशील केडिया के कार्यालय में तोड़फोड़ के मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के पांच कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, इन कार्यकर्ताओं पर भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 223, 189(2), 189(3), 190, 191(2), 191(3) और 125 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

यह विवाद तब शुरू हुआ जब उद्यमी सुशील केडिया ने सोशल मीडिया पर मराठी भाषा को लेकर विवादास्पद टिप्पणी कर दी, जिसे लेकर मनसे और उसके प्रमुख राज ठाकरे के समर्थकों में आक्रोश फैल गया।

हालात बिगड़ने पर अब केडिया ने सार्वजनिक तौर पर माफ़ी मांगते हुए कहा,

> "मेरा ट्वीट जल्दबाज़ी और मानसिक तनाव की स्थिति में किया गया था। कुछ वर्गों ने इसे संदर्भ से हटाकर प्रस्तुत किया और अपने हितों के अनुसार उसे मोड़ने की कोशिश की।"
केडिया ने आगे स्पष्ट किया कि वह महाराष्ट्र और मराठी भाषा का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने यह टिप्पणी तब की जब मराठी न बोलने वालों को निशाना बनाया जा रहा था, जिससे वे मानसिक दबाव में आ गए थे।

मनसे प्रमुख राज ठाकरे की हिंदुत्व से जुड़ी पहलों की सराहना करते हुए केडिया ने कहा,

> "चाहे वह हनुमान चालीसा अभियान हो या राष्ट्रवाद, राज ठाकरे हमेशा एक नायक रहे हैं। लेकिन इस बार मानसिक तनाव में मुझसे गलती हो गई।"
केडिया ने यह भी कहा कि अगर सकारात्मक माहौल और प्रोत्साहन मिले, तो महाराष्ट्र के बाहर से आए लोग भी मराठी भाषा सीखने के लिए आगे आएंगे।

> "डर और धमकी से नहीं, बल्कि प्रोत्साहन से हम मराठी में अधिक सहजता से संवाद कर पाएंगे।"
इस बीच, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी और ठाणे में एक दुकानदार पर मराठी में न बोलने के चलते हुए हमले की निंदा की। उन्होंने कहा,

> "कभी धर्म, कभी भाषा, कभी क्षेत्र—आख़िर भारतीयों में कितने विभाजन किए जाएंगे?"

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि मराठी के नाम पर "गुंडागर्दी" किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।




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