साइबर ठगों ने वेरिफिकेशन और सेटलमेंट के नाम पर जीवनभर की कमाई लुटवाई, पुलिस जांच में जुटी
हिमाचल प्रदेश में साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी के साथ 38 लाख रुपये की साइबर ठगी की गई। ठगों ने पहले खुद को सीबीआई अधिकारी बताया, फिर वेरिफिकेशन और केस सेटलमेंट के नाम पर पीड़ित को डराया और उसे "डिजिटल अरेस्ट" में डाल दिया।
जानकारी के अनुसार, अधिकारी को अज्ञात नंबर से कॉल आई जिसमें बताया गया कि उनके नाम से मुंबई में एक बैंक खाता खोला गया है और उसमें छह करोड़ रुपये की संदिग्ध ट्रांजेक्शन हुई है। इसके बाद खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर ठगों ने पीड़ित को लगातार दबाव में रखा और कई किस्तों में कुल 38 लाख रुपये ठग लिए।
पीड़ित ने जब संपर्क के सभी नंबर बंद पाए, तब जाकर उन्हें ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई।
हर दिन हो रही लाखों की ठगी, सिर्फ एक दिन में 59 शिकायतें
हिमाचल साइबर क्राइम सेल के मुताबिक, केवल 4 जून को ही 1930 पर कुल 382 कॉल्स आईं, जिनमें से 59 शिकायतें वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़ी थीं। इन मामलों में कुल 22 लाख रुपये की ठगी की गई। साइबर टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 5.78 लाख रुपये की राशि विभिन्न बैंक खातों में होल्ड करवाई है।
संवेदनशील जिले घोषित: शिमला, सोलन, बद्दी, नालागढ़ और बिलासपुर
इन जिलों में ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी के मामले बढ़ने के कारण इन्हें साइबर क्राइम सेल ने संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया है।
साइबर ठगी से बचाव के लिए ये सावधानियां बरतें
- किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
- OTP और बैंक विवरण किसी के साथ साझा न करें।
- अनजान स्रोतों से आई अटैचमेंट डाउनलोड न करें।
- असुरक्षित वाई-फाई नेटवर्क से दूर रहें।
- लॉगिन क्रेडेंशियल्स सुरक्षित रखें।
- एंटीवायरस और फायरवॉल को अक्षम न करें।
- पुराने ब्राउज़र से बैंकिंग न करें।
एसपी साइबर क्राइम दिनेश शर्मा ने जनता से अपील की है कि अगर किसी को साइबर ठगी की slightest भी आशंका हो, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें और साइबर अपराधियों से सतर्क रहें।
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