मुंबई – अंधेरी एमआईडीसी पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ आईसीआईसीआई बैंक से करीब ₹63 लाख का लोन ऑनलाइन बैंकिंग के ज़रिए फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे लेने और बाद में ईएमआई चुकाने से मुकर जाने के मामले में एफआईआर दर्ज की है।
इस मामले की शिकायत 35 वर्षीय देवेंद्र नायक ने की है, जो आईसीआईसीआई बैंक, ठाणे शाखा में लोन रिलेशनशिप मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। नायक ने बताया कि आरोपियों ने खुद को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) का कर्मचारी बताकर फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर लोन पास करवाया था।
पुलिस के अनुसार यह घटना मई 2023 से सितंबर 2023 के बीच की है। जिन चार आरोपियों पर मामला दर्ज हुआ है, उनके नाम प्रफुल्लता चव्हाण और नरेश रामसिंह (दोनों ठाणे निवासी), अतुल तिवारी (विरार निवासी) और कृष्णा तिवारी (सांताक्रुज़ निवासी) हैं।
इन सभी ने खुद को बीएमसी का कर्मचारी बताया और आधार कार्ड, पैन कार्ड, बीएमसी कर्मचारी पहचान पत्र, तीन महीने की सैलरी स्लिप और बीएमसी सैलरी अकाउंट की जानकारी बैंक को जमा की।
पुलिस अधिकारी ने बताया, “पहली आरोपी चव्हाण ने ₹25 लाख, दूसरे आरोपी रामसिंह ने ₹11 लाख, तीसरे आरोपी तिवारी ने ₹5 लाख और चौथे आरोपी कृष्णा तिवारी ने ₹15 लाख का लोन लिया। बैंक अधिकारियों ने सभी के पते पर जाकर उनका सत्यापन भी किया था।”
बैंक द्वारा दस्तावेजों की जांच के बाद करीब ₹62.81 लाख का लोन स्वीकृत कर दिया गया। शुरू में सभी आरोपियों ने कुछ ईएमआई भरीं, लेकिन बाद में भुगतान बंद कर दिया।
दो साल बाद जब बैंक अधिकारियों ने दोबारा उनके पते पर जाकर जांच की तो आरोपी वहां नहीं मिले। बीएमसी से पूछताछ करने पर पता चला कि उन नामों का कोई भी व्यक्ति BMC में कार्यरत नहीं है।
बैंक को ठगी का अहसास होने पर अंधेरी एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया गया। पुलिस ने अब सभी चार आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।