Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

Responsive Advertisement

लातूर में दिल दहला देने वाली वारदात: चॉकलेट मांगने पर पिता ने 4 साल की बेटी की कर दी हत्या।



लातूर (महाराष्ट्र): महाराष्ट्र के लातूर जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। एक पिता ने नशे की हालत में अपनी ही मासूम बेटी की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी क्योंकि उसने चॉकलेट के लिए पैसे मांगे थे

चॉकलेट की मांग बनी मौत की वजह

यह दिल दहला देने वाली घटना लातूर जिले के उदगीर तालुका के भीमा टांडा गांव की है। रविवार दोपहर 4 वर्षीय आरुषि ने अपने पिता बालाजी राठौड़ से चॉकलेट के लिए कुछ पैसे मांगे। लेकिन शराब के नशे में धुत बालाजी को बेटी की यह मासूम मांग नागवार गुजरी। गुस्से में आकर उसने बेटी की साड़ी से गला घोंटकर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी।

शराबी पिता बना हैवान, पत्नी पहले ही छोड़ चुकी थी घर

पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी बालाजी राठौड़ लंबे समय से शराब का आदी था और उसका व्यवहार काफी हिंसक था। घरेलू कलह के चलते उसकी पत्नी वर्षा पहले ही अपने मायके चली गई थी। बेटी आरुषि अपने पिता से मिलने आई थी, लेकिन यह मुलाकात उसकी जिंदगी की आखिरी बन गई

हत्या के बाद पत्नी की शिकायत पर गिरफ्तारी

घटना की सूचना मिलते ही वर्षा ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और आरोपी को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया गया है

मां की मांग: ‘जो बेटी का नहीं हो सका, उसे मृत्युदंड मिले’

गहरे शोक में डूबी मां वर्षा ने मीडिया से बातचीत में कहा,

> “जिस बाप ने अपनी ही बेटी को मार दिया, उसे जीने का कोई हक नहीं। मैं उसके लिए फांसी की सज़ा की मांग करती हूं।

गांव में इस जघन्य कृत्य के बाद मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि बालाजी की शराब की लत पहले भी जानलेवा साबित हो चुकी थी, लेकिन किसी ने कल्पना नहीं की थी कि वह इस हद तक गिर जाएगा।

पुलिस की जांच जारी, पूर्व हिंसा के भी सुराग ढूंढे जा रहे

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी से कड़ी पूछताछ की जा रही है और यह भी जांच चल रही है कि क्या वह पहले भी बच्चों या पत्नी के साथ मारपीट करता था। मामले की पूरी तहकीकात की जा रही है।

सवाल बड़ा: शराब की लत का इलाज कब?

यह घटना एक बार फिर इस बात की ओर इशारा करती है कि शराब की लत केवल व्यक्ति नहीं, पूरे परिवार को तबाह कर सकती है। क्या ऐसे नशे के आदी लोगों के लिए सरकार के पास कोई मजबूत पुनर्वास व्यवस्था है? क्या समाज इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगा?




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ