महाराष्ट्र के धाराशिव जिले से एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। यहां एक पिता ने महज इस बात पर अपनी 9 वर्षीय बेटी की हत्या कर दी कि वह साइकिल चलाते वक्त गिर गई थी। घटना रविवार को घटी, जब बच्ची गौरी अपने घर के पास साइकिल चला रही थी और अचानक गिर पड़ी। यह छोटी-सी बात आरोपी पिता ज्ञानेश्वर जाधव को इतनी नागवार गुज़री कि उसने हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं।
सोती हुई बेटी पर कुल्हाड़ी से किया हमला
पुलिस के अनुसार, घटना के समय आरोपी नशे में था और पहले से ही बेटी की बार-बार बिगड़ती सेहत को लेकर मानसिक तनाव में था। रात को जब गौरी सो रही थी, तब ज्ञानेश्वर ने कुल्हाड़ी से उस पर कई बार वार किया और उसकी हत्या कर दी।
24 घंटे तक शव घर में छुपाया
वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी ने शव को 24 घंटे तक घर में ही छुपाए रखा। जब पड़ोसियों और परिवार के अन्य सदस्यों को बच्ची के दिखाई न देने पर शक हुआ, तो पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने घर से बच्ची का शव बरामद किया, जिसके शरीर पर कुल्हाड़ी के गंभीर घाव मिले।
आरोपी गिरफ्तार, मानसिक तनाव और नशे का असर
धाराशिव के आंबी पुलिस स्टेशन के सहायक निरीक्षक गोरक्षनाथ खराड ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी मानसिक तनाव और नशे की हालत में था, जिससे उसने यह अमानवीय कृत्य किया।
एक हफ्ते में दूसरी दिल दहला देने वाली घटना
इस घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है, खासकर इसलिए क्योंकि यह वारदात उस घटना के ठीक एक हफ्ते बाद सामने आई है जब सांगली जिले में एक पिता ने अपनी 17 वर्षीय बेटी साधना भोंसले की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। साधना NEET की तैयारी कर रही थी, लेकिन मॉक टेस्ट में कम अंक आने पर उसके पिता धोंडीराम भोंसले ने उसे मार डाला।
समाज में बढ़ती हिंसा: जरूरत है मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की
इन घटनाओं से साफ है कि नशा, गुस्सा और मानसिक अस्थिरता आम लोगों को भी जघन्य अपराध की ओर धकेल रही है। बच्चों की मामूली गलतियों को जानलेवा सजा देना हमारे समाज में एक गंभीर मानसिक और नैतिक गिरावट को दर्शाता है। ऐसे में सरकार को न सिर्फ सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, नशा मुक्ति और पेरेंटल काउंसलिंग जैसे विषयों पर भी तत्काल ध्यान देना होगा।
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