मुंबई
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार को एक बड़े भ्रष्टाचार मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK), लोअर परेल, मुंबई में कार्यरत एक कनिष्ठ पासपोर्ट सहायक और एक निजी एजेंट शामिल हैं।
CBI ने यह कार्रवाई फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने और इसके बदले रिश्वत लेने के मामले में की है। इस घोटाले में सरकारी कर्मचारी और निजी एजेंट के साथ-साथ कुछ अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
FIR के मुताबिक, वर्ष 2023-24 के दौरान आरोपी कनिष्ठ पासपोर्ट सहायक ने निजी एजेंट और अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची। इस साजिश के तहत फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके कई अज्ञात आवेदकों के लिए पासपोर्ट जारी किए गए।
जांच में सामने आया कि इन आवेदकों ने पते और पहचान के प्रमाण के रूप में जाली आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक स्टेटमेंट और जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे। इन सभी दस्तावेजों को फर्जी पाया गया। साथ ही, आवेदनों में दिए गए मोबाइल नंबर भी अमान्य पाए गए।
CBI के अनुसार, आरोपी अधिकारी और एजेंट के बीच हुई बातचीत से यह पुष्टि हुई कि इन फर्जी आवेदनों के बदले रिश्वत ली गई थी।
तत्काल योजना के तहत पासपोर्ट जारी किए गए, जिसमें पुलिस सत्यापन को प्रक्रिया के समय माफ कर दिया गया था। लेकिन बाद में की गई पुलिस जांच में यह पता चला कि आवेदकों के पते फर्जी थे और सत्यापन रिपोर्ट प्रतिकूल पाई गई।
जांच के दौरान सहयोग न करने और बार-बार टालमटोल करने के चलते दोनों आरोपियों—कनिष्ठ पासपोर्ट सहायक अक्षय कुमार मीणा और एजेंट भावेश शांतिलाल शाह—को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों को विशेष CBI अदालत, मुंबई में पेश किया गया, जहां से उन्हें 2 जून 2025 तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
मामले की जांच फिलहाल जारी है।
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