भारत की एयर डिफेंस प्रणाली 'आकाशतीर' ने रचा इतिहास, IACCS बना गेमचेंजर ।



नई दिल्ली: 9 और 10 मई की रात पाकिस्तान की ओर से भारत के सैन्य और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाने के लिए ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए। लेकिन इन हमलों को भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले ही रोक दिया गया — और इसके पीछे था भारत का स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम 'आकाशतीर', जो IAF के इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) का हिस्सा है।

सूत्रों के अनुसार, भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के रणनीतिक ठिकानों पर बेहद सटीक हमले किए। इसमें आठ एयरबेस समेत 13 अहम ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह सब मुमकिन हुआ IACCS के जरिए, जिसे अब दुनिया भर में युद्ध रणनीति में "बड़ा बदलाव" माना जा रहा है।

क्या है IACCS?

IACCS यानी इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम, भारतीय वायुसेना द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक स्वदेशी प्रणाली है जो थल, जल और वायु सेना की एयर डिफेंस क्षमताओं को एक नेटवर्क में जोड़ती है। यह प्रणाली रडार, AWACS, ड्रोन और लड़ाकू विमानों को जोड़ती है और पूरे हवाई क्षेत्र पर रीयल टाइम नजर रखती है।

'आकाशतीर' की भूमिका

आकाशतीर, IACCS का एक अभेद्य हिस्सा है। यह एक मोबाइल, पूरी तरह से स्वचालित और भारत में निर्मित प्रणाली है। इसने पाकिस्तान से आ रहे ड्रोन, मिसाइलों और माइक्रो UAVs को रोकने में अहम भूमिका निभाई। इसकी खास बात यह है कि यह मौसम, भूगोल और रडार डेटा जैसे कई स्रोतों से जानकारी लेकर तुरंत निर्णय लेने और जवाबी कार्रवाई करने में सक्षम है।

पाकिस्तानी सिस्टम फेल क्यों हुआ?

भारत की तुलना में पाकिस्तान की एयर डिफेंस प्रणाली अब भी पुराने चीनी सिस्टम जैसे HQ-9 और HQ-16 पर निर्भर है, जो भारतीय मिसाइलों को रोकने में असफल रहे। वहीं भारत की IACCS प्रणाली ने अपनी रफ्तार, सटीकता और निर्णय लेने की क्षमता से दुनिया को चौंका दिया।

रणनीतिक बढ़त

आकाशतीर की मदद से भारत ने न केवल अपने हवाई क्षेत्र की रक्षा की, बल्कि दुश्मन के ठिकानों पर भी सटीक और त्वरित प्रहार किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत को परमाणु हथियारों की धमकी से डराया नहीं जा सकता, और आवश्यकता पड़ी तो भारत आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए किसी भी हद तक जाएगा।

निष्कर्ष

IACCS और आकाशतीर की सफलता ने भारत को उन देशों की सूची में ला खड़ा किया है जिनके पास पूरी तरह से स्वचालित और एकीकृत एयर डिफेंस कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम है। यह भारत की आत्मनिर्भरता और तकनीकी बढ़त का प्रतीक बन चुका है।




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