मुंबई में पिछले दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही भारी बारिश, गरज-चमक और तेज हवाओं ने जहां गर्मी से राहत दी है, वहीं जनजीवन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ठाणे, पालघर और रायगढ़ सहित मुंबई के आस-पास के जिलों में पेड़ गिरने और जलभराव की घटनाएं सामने आई हैं। इस दौरान कम से कम तीन लोगों की मौत की खबर है।
सांताक्रूज़ वेधशाला के अनुसार, मंगलवार से गुरुवार सुबह तक 34 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो मई महीने में 2021 के बाद से अब तक की सबसे अधिक वर्षा है। 2021 में मई में 256 मिमी बारिश दर्ज हुई थी।
इस सप्ताह एक दिन में हुई भारी बारिश ने भी रिकॉर्ड तोड़ दिए। बुधवार को हुई बारिश इस दशक का दूसरा सबसे अधिक बारिश वाला दिन साबित हुआ। इससे पहले, 18 मई 2021 को एक दिन में 230 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।
बारिश की वजह क्या है?
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की मुंबई निदेशक शुभांगी भुते ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के चलते ऊपरी वायुमंडल में एक ट्रफ (नालीनुमा दबाव क्षेत्र) बना है जो दक्षिण की ओर झुक रहा है। इस ट्रफ के साथ नमी की मात्रा बहुत अधिक है, जिससे तेज बारिश और 30-40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं।
स्वतंत्र मौसम पूर्वानुमानकर्ता अत्रेय शेट्टी के अनुसार, इस बार चक्रवात नहीं है, जैसा कि 2021 में ‘तौकते’ चक्रवात के कारण था। इस बार बारिश ‘मानसून-जैसे’ वातावरण के कारण हो रही है। ट्रफ के साथ-साथ पश्चिमी हवाएं नमी ला रही हैं, जिससे वातावरण में अस्थिरता बढ़ गई है।
बारिश का असर
बारिश ने जहां गर्मी से राहत दी, वहीं मुंबई ने गुरुवार को पिछले एक दशक की सबसे ठंडी सुबह का अनुभव किया, जब न्यूनतम तापमान 20.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दो दिनों में तापमान में करीब आठ डिग्री की गिरावट आई है।
अधिकतम तापमान में भी गिरावट आई और बुधवार को शहर में अधिकतम तापमान 33.8 डिग्री सेल्सियस रहा। इसके अलावा, बारिश से झीलों का जलस्तर बढ़ने की संभावना है और वाष्पीकरण की दर में भी कमी आएगी।
हालांकि, इन असमय बारिशों ने मुंबई और आसपास के इलाकों की मानसून से पहले की तैयारियों की पोल खोल दी है। जलभराव और पेड़ गिरने की घटनाओं के चलते रेल और सड़क यातायात भी बाधित हुआ है।
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