
मुंबई। मायानगरी मुंबई में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने भरोसे के रिश्ते को तार-तार कर दिया है। एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) के ड्राइवर और नौकर ने मिलकर मालिक के 45 लाख रुपये चुराए और फिल्मी स्टाइल में शहर छोड़कर भाग गए। लेकिन, गोवंडी पुलिस की तेज़ कार्रवाई के आगे उनकी चालाकी काम न आई और छह दिनों के अंदर ही उन्हें बिहार के सुदूर इलाके से दबोच लिया गया।
यह घटना मुंबई पुलिस की उस तत्परता को दर्शाती है, जब बात आम नागरिक की सुरक्षा और न्याय की होती है।
विश्वासघात की पूरी कहानी
यह चौंकाने वाला मामला 19 सितंबर 2025 का है। वडाला के रहने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट (तेजप्रकाश डांगी) ने अपनी स्टाम्प ड्यूटी के लिए रखे 45 लाख रुपये नकद एक बैग में रखे थे। उन्होंने अपने भरोसेमंद ड्राइवर नितेशकुमार महतो को यह रकम कार से अस्पताल के कमरे तक ले जाने के लिए कहा। नितेश महतो करीब आठ महीने से डांगी साहब के यहां काम कर रहा था, और उसी की सिफारिश पर उसका भाई दीपककुमार महतो (कुछ खबरों में राहुल) भी ऑफिस बॉय के रूप में काम पर लगा था।
जैसे ही डांगी साहब अपनी रिश्तेदार से मिलने अस्पताल के अंदर गए, दोनों भाइयों की नीयत डोल गई। उन्होंने तुरंत 45 लाख रुपये का बैग उठाया और दोनों अपने मोबाइल फोन बंद करके वहां से फरार हो गए। जब मालिक को शक हुआ और उन्होंने दोनों को संपर्क करने की कोशिश की, तो उनके फोन स्विच ऑफ मिले। डांगी साहब समझ गए कि उनके साथ धोखा हुआ है और तुरंत गोवंडी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
गोवंडी पुलिस का 'ऑपरेशन बिहार'
यह चोरी एक आम चोरी नहीं थी। रकम बड़ी थी और चोर भी शातिर। गोवंडी पुलिस ने बिना समय गंवाए डीसीपी समीर शेख के मार्गदर्शन में तुरंत तीन विशेष टीमें गठित कीं। पुलिस को पता चला कि आरोपी बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं और वहीं छिप सकते हैं।
मुंबई पुलिस की टीमें तत्काल मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और फिर बिहार के लिए रवाना हुईं। छह दिनों तक लगातार निजी वाहनों में गुप्त रूप से तलाश की गई। पुलिस ने तकनीकी जाँच और मुखबिरों की मदद से आरोपियों के परिचितों पर कड़ी निगरानी रखी। अंततः, उनकी मेहनत रंग लाई।
लाखों की बरामदगी और गिरफ्तारी
गुप्त सूचना के आधार पर, गोवंडी पुलिस की टीम ने बिहार के समस्तीपुर जिले के दूरदराज इलाके से दोनों आरोपी, **नितेश रामविलास महतो** और **दीपककुमार रामविलास महतो** को धर दबोचा।
पुलिस ने न सिर्फ दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया, बल्कि चोरी किए गए **45 लाख रुपये** में से (36 लाख 35 हजार 600 रुपये) नकद भी बरामद किए। इस बड़ी सफलता के लिए मुंबई पुलिस मुख्यालय और स्थानीय नागरिकों ने गोवंडी पुलिस की जमकर सराहना की है। यह कार्रवाई बताती है कि अपराधी चाहे कितने भी दूर क्यों न भाग जाए, मुंबई पुलिस की पहुँच हर जगह है।
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