मुंबई: राज्य में निकाय चुनावों की तैयारियों के बीच उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के बीच गठबंधन की चर्चाएँ जोर पकड़ रही हैं। हालांकि, अभी तक शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के बीच कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि दोनों पार्टियां जल्द ही एक साझा मंच पर आ सकती हैं।
जानकारी के अनुसार, बीएमसी चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर 60:40 के फार्मूले पर मंथन जारी है। इस संभावना के मुताबिक, शिवसेना (यूबीटी) को कुल सीटों का 60 प्रतिशत और मनसे को 40 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलने की संभावना है।
गठबंधन की दिशा में उठाए गए कदमों में नेताओं को उन क्षेत्रों की सूची तैयार करने के लिए कहा गया है, जहां उनकी पार्टी का अधिक प्रभाव है। मुंबई, ठाणे, नाशिक और कल्याण-डोंबिवली में दोनों दलों का खासा प्रभाव देखा गया है। बीएमसी की 227 सीटों में से ठाकरे गुट 147 सीटों पर चुनाव लड़ सकता है, जबकि मनसे लगभग 80 सीटों पर दावा कर सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि दादर-माहिम, लालबाग, परेल, शिवडी, विक्रोली, डिडोशी, घाटकोपर पश्चिम, दहिसर और भांडुप जैसे इलाके ऐसे हैं, जहां दोनों पार्टियों का लगभग बराबर प्रभाव है। इन क्षेत्रों में सीटों का बंटवारा समान रूप से किया जा सकता है।
शिवसेना (यूबीटी) और मनसे का गठबंधन अब केवल औपचारिकता भर रह गई है, और दोनों पार्टियां राज्य के अन्य हिस्सों में अपनी ताकत के अनुसार निर्णय लेंगी। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भी सीटों का बंटवारा तय फार्मूले के अनुसार किया जाएगा।
मनसे के नेता ने स्पष्ट किया है कि राज ठाकरे की पार्टी किसी भी हाल में कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेगी। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि ठाकरे बंधुओं की साझेदारी बीएमसी चुनाव में नाटकीय मोड़ ला सकती है और शहर की राजनीतिक दिशा बदल सकती है।
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