महाराष्ट्र की महायुति सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना’, जिसने विधानसभा चुनाव 2024 में गेम चेंजर की भूमिका निभाई थी, अब सरकार के लिए परेशानी का कारण बन गई है।
ताज़ा जांच में यह खुलासा हुआ है कि 8 हजार से अधिक महिला सरकारी कर्मचारी और सेवानिवृत्त कर्मचारी इस योजना का लाभ नियमों के खिलाफ जाकर ले रही थीं। इन लाभार्थियों ने गलत जानकारी देकर योजना में नाम दर्ज कराया और अब तक करीब 15 करोड़ रुपये की राशि हासिल कर ली।
सरकार ने इस रकम की वसूली का आदेश जारी कर दिया है। संबंधित महिला कर्मचारियों के वेतन या पेंशन से यह राशि एकमुश्त या किस्तों में काटी जाएगी।
किन्हें मिलना चाहिए था लाभ?
इस योजना के तहत केवल वही महिलाएं पात्र हैं:
- जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से कम हो।
- जो सरकारी कर्मचारी या पेंशनधारी न हों।
लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में महिला कर्मचारियों ने गलत दस्तावेज और सूचनाएं देकर योजना का लाभ उठाया।
कार्रवाई की तैयारी
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की मदद से फर्जी लाभार्थियों की सूची तैयार की है। इसमें जिला परिषद की कर्मचारी, शिक्षक, विभिन्न विभागों की महिला कर्मचारी और सेवानिवृत्त महिलाएं शामिल हैं।
सरकार ने संकेत दिए हैं कि सिर्फ वसूली ही नहीं, बल्कि दोषी महिलाओं पर महाराष्ट्र सिविल सेवा आचरण नियम, 1979 के तहत विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है। सेवानिवृत्त महिला कर्मचारियों से वसूली के लिए पेंशन विभाग को पत्र भेजने की भी तैयारी है।
योजना का दायरा
वर्तमान में 2.25 करोड़ से अधिक महिलाएं इस योजना के तहत लाभ ले रही हैं। ऐसे में सरकार चाहती है कि पात्र लाभार्थियों तक ही सहायता पहुंचे और फर्जीवाड़े पर सख्ती से रोक लगाई जाए।
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