मुंबई।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र की सभी नगर पालिकाओं, नगर परिषदों और नियोजन प्राधिकरणों को ऊंची इमारतों के निर्माण में सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन कराने का आदेश दिया है। कोर्ट के निर्देशों के आधार पर राज्य के नगरीय विकास विभाग ने 20 अगस्त 2025 को नई सुरक्षा गाइडलाइंस जारी की हैं।
विशेषज्ञ समिति की सिफारिशें लागू
नगरीय विकास विभाग ने विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को अधिसूचित कर दिया है। ये दिशा-निर्देश अब मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA), महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (MSRDC) सहित सभी योजना प्राधिकरणों पर अनिवार्य होंगे। इनका उद्देश्य निर्माण स्थल पर काम करने वाले मजदूरों और आम नागरिकों को हादसों से बचाना है।
उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई
न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी को भवन निर्माण अनुमति का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ दीवानी और आपराधिक दोनों प्रकार की कार्रवाई की जाएगी।
मानकों की निगरानी और पालन
दिशानिर्देशों के अनुसार, योजना प्राधिकरणों के अधिकारी निर्माण कार्य की नियमित निगरानी करेंगे और तय मानकों के पालन को सुनिश्चित करेंगे। यदि कोई डेवलपर नियमों की अनदेखी करता है, तो तुरंत नोटिस जारी कर निर्माण कार्य रोका जाएगा। विकास अनुमति और आईओडी (Intimation of Disapproval) में सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने का भी आदेश दिया गया है।
सभी अधिकारियों को भेजी गई रिपोर्ट
हाईकोर्ट ने गाइडलाइंस और विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट की प्रतियां राज्य के सभी नगर निगम आयुक्तों, मुख्य अधिकारियों और योजना प्राधिकरणों को भेजने का निर्देश दिया है।
पृष्ठभूमि
हाल ही में भिवंडी में मेट्रो साइट पर लोहे की छड़ गिरने से एक युवक घायल हो गया था। इस घटना के बाद ही अदालत ने मामले का संज्ञान लिया और सुरक्षा संबंधी नियमों पर सख्ती बरतने का फैसला किया।
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