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राजस्थान-महाराष्ट्र में बड़ा ड्रग्स रैकेट बेनकाब: भैंस के तबेले में बना रहे थे सिंथेटिक ड्रग्स, मास्टरमाइंड गिरफ्तार।



राजस्थान पुलिस, महाराष्ट्र पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की एक संयुक्त कार्रवाई में हाल ही में एक अंतरराज्यीय ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया गया है, जो सिंथेटिक ड्रग्स बनाने में लिप्त था।

एनसीबी के अनुसार, मामला 22 जुलाई को राजस्थान के बाड़मेर जिले के ढोलाकिया गांव में एक गुप्त फैक्ट्री का पता चलने से शुरू हुआ। यह फैक्ट्री एक सुनसान इलाके में स्थित भैंस के तबेले के अंदर छिपाकर चलाई जा रही थी। वहां से क्लोरोफॉर्म, अमोनियम क्लोराइड, प्रोपलीन क्लोराइड, टोल्यून, ब्रोमीन जैसे प्रीकर्सर केमिकल्स और मेफेड्रोन (Mephedrone) बनाने वाली लैब सामग्री जब्त की गई। इस दौरान दो आरोपी पकड़े गए। जांच में एनसीबी जोधपुर ने बाड़मेर पुलिस का सहयोग किया।

पूछताछ में सामने आया कि महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले का एक व्यक्ति इस लैब के लिए रसायन और उपकरण लाया था। इस सूचना पर रायगढ़ पुलिस ने एक संदिग्ध को हिरासत में लिया। उसने बताया कि वह पहले महाड़, रायगढ़ स्थित "रोहन केमिकल्स" नामक एक बंद फैक्ट्री में काम करता था। एनसीबी मुंबई और रायगढ़ पुलिस की तलाशी में वहां से लगभग 34 किलो पाउडर के रूप में केटामाइन और 12 लीटर तरल केटामाइन, साथ ही कई रसायन और उपकरण जब्त किए गए। आशंका है कि इस बंद फैक्ट्री का इस्तेमाल गुप्त रूप से केटामाइन बनाने में हो रहा था।

जांच में यह भी सामने आया है कि इस सिंडिकेट का मास्टरमाइंड पहले से ही डीआरआई और एनसीबी की जांचों में ड्रग तस्करी के मामलों से जुड़ा रहा है। एनसीबी जोधपुर, अहमदाबाद और मुंबई ज़ोन के साथ बाड़मेर और रायगढ़ पुलिस की रीयल टाइम सूचना साझेदारी से यह ऑपरेशन सफल हो सका।

इससे पहले एनसीबी जोधपुर ने श्रीगंगानगर, राजस्थान में एक और सिंथेटिक ड्रग्स लैब का भंडाफोड़ किया था, जहां से 5 किलो मेफेड्रोन और रासायनिक सामग्री मिली थी। उस मामले में आरोपी भौतिकी और रसायन शास्त्र के शिक्षक थे।

जांच अभी भी बाड़मेर और रायगढ़ पुलिस के तहत जारी है।




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