मुंबई से बड़ी खबर: केंद्र सरकार के कार्यालयों में अब मराठी भाषा का उपयोग अनिवार्य ।


मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए राज्य में स्थित केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों, बैंकों, बीमा कंपनियों, रेलवे, मेट्रो, मोनोरेल, डाक सेवाएं, दूरसंचार, विमानन और गैस-पेट्रोलियम कंपनियों सहित केंद्र के अधीन सभी कार्यालयों में हिंदी और अंग्रेजी के साथ-साथ मराठी भाषा के अनिवार्य उपयोग का आदेश दिया है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने सोमवार को इस संबंध में एक परिपत्र जारी किया। यह निर्देश महाराष्ट्र राजभाषा अधिनियम 1964 के अंतर्गत जारी किया गया है, जिसके तहत मराठी राज्य की राजभाषा है।

सरकार को शिकायतें मिल रही थीं कि कई केंद्रीय कार्यालयों में मराठी भाषा का उपयोग नहीं किया जा रहा है। इसे देखते हुए अब त्रिभाषा फॉर्मूले के तहत सभी कार्यालयों को निर्देशित किया गया है कि वे मराठी का भी नियमित उपयोग सुनिश्चित करें।

परिपत्र के मुख्य निर्देश:

  • सभी कार्यालयों को एक स्व-घोषणा पत्र भरना होगा जिसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि मराठी भाषा का उपयोग किया जा रहा है या नहीं।
  • यह स्व-घोषणा पत्र कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर प्रमुखता से प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।
  • इस आदेश की निगरानी की जिम्मेदारी जिला कलेक्टरों को सौंपी गई है।

सख्त अमल के निर्देश:

  • जिला और तहसील स्तर पर समन्वय अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे जो इन आदेशों के पालन की नियमित समीक्षा करेंगे।
  • "आपले सरकार", पीजी पोर्टल और अन्य माध्यमों से आने वाली शिकायतों पर कार्रवाई की जाएगी।
  • मराठी भाषा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए जिला स्तरीय बैठकों का आयोजन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता पालकमंत्री या अन्य जनप्रतिनिधि करेंगे। इन बैठकों में केंद्र सरकार के कार्यालय प्रमुखों को आमंत्रित किया जाएगा।

सरकार का यह कदम मराठी भाषा के संवर्धन और समान उपयोग को सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत प्रयास माना जा रहा है।



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