नई दिल्ली: संघर्ष विराम पर बनी सहमति के बावजूद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को जारी रखने की घोषणा की है। भारतीय सेनाओं ने स्पष्ट किया है कि यदि पाकिस्तान की ओर से भारत पर कोई आतंकी हमला होता है, तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।
इस सैन्य कार्रवाई के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कई हाईटेक लड़ाकू विमानों को मार गिराया, जबकि पाकिस्तान के करीब 40 सैनिक मारे गए हैं। ऑपरेशन में भारत के भी पांच जवान शहीद हुए हैं।
वायुसेना ने ऑपरेशन में हुए नुकसान का विवरण सार्वजनिक नहीं किया, लेकिन यह साफ किया कि सभी पायलट सुरक्षित हैं और मिशन के सभी लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल किए गए हैं।
पाकिस्तान की सैन्य संरचनाओं को भारी नुकसान
10 मई को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेस और सैन्य ठिकानों – जैसे सरगोधा, रहीमयार खान, चकलाला और जकोकाबाद – पर सटीक हमले किए। साथ ही, भारतीय नौसेना ने अरब सागर में आक्रामक घेराबंदी कर कराची पर दबाव बनाया। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया और 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
सीजफायर पर भारत का स्पष्ट रुख
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने एलओसी और पश्चिमी सीमा पर किसी भी प्रकार की गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब देने के निर्देश दिए हैं। डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि सीजफायर को टिकाऊ बनाना पाकिस्तान की जिम्मेदारी है, और किसी भी उल्लंघन पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ड्रोन और यूएवी हमलों का भी जवाब
पाकिस्तान की ओर से भेजे गए ड्रोन और यूएवी हमलों को भी भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने सफलतापूर्वक विफल किया। इनमें से कई ड्रोन को मार गिराया गया और लाहौर के एक रडार को नष्ट किया गया।
नौसेना की चौकसी से दबाव में पाकिस्तान
भारतीय नौसेना ने भी पहलगाम आतंकी हमले के बाद 96 घंटों के भीतर अपनी युद्धक तैयारियों को पूरी तरह ऑपरेशनल मोड में लाकर अरब सागर में पाकिस्तान की गतिविधियों को घेर लिया था। नौसेना के इस दबाव के चलते ही पाकिस्तान ने सीजफायर की पहल की।
भारतीय सेनाओं के अनुसार, रविवार रात को पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हॉटलाइन के जरिए संपर्क कर सीजफायर की इच्छा जताई थी, जिसके बाद सोमवार को बातचीत तय हुई है। हालांकि, पाकिस्तान द्वारा सीमा पर जारी उल्लंघनों को देखते हुए यह बातचीत किस दिशा में जाएगी, यह स्पष्ट नहीं है।
भारतीय वायुसेना और थलसेना ने चेतावनी दी है कि जरूरत पड़ने पर पाकिस्तान में और आतंकी ठिकानों को भी निशाना बनाया जाएगा।
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