मुंबई। भांडुप इलाके में रेंटल फ्रॉड का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी की पत्नी को फर्जी लीव एंड लाइसेंस एग्रीमेंट के जरिए लाखों रुपये का चूना लगाया गया। आरोपियों ने न केवल फ्लैट पर कब्जा किया बल्कि फर्जी दस्तावेज और नकली बैंक खाता बनाकर धोखाधड़ी को अंजाम दिया।
बीएनएस और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज
भांडुप पुलिस ने इस मामले में एक राजकुमार नामक व्यक्ति, जिसके बैंक खाते का इस्तेमाल लेनदेन में किया गया, तथा तीन अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
पीड़िता नवी मुंबई निवासी
पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता 61 वर्षीय जयंथिरानी रामचंद्रन, खारघर (नवी मुंबई) के सेक्टर 18 में अपने पति – जो पुलिस विभाग से रिटायर हैं – और बेटे अरुण सेलवन के साथ रहती हैं। विवादित फ्लैट साईं सृष्टि को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी, एलबीएस रोड, भांडुप में स्थित है। यह फ्लैट पहले जयंथिरानी के पिता का था और 2005 में उनके नाम ट्रांसफर हुआ था।
राजेशकुमार विग ने दिखाई थी दिलचस्पी
साल 2024 में राजेशकुमार विग नामक शख्स ने यह फ्लैट किराए पर लेने में रुचि दिखाई। शुरुआती बातचीत के बाद उसने 10 हजार रुपये नकद टोकन राशि दी और तीन साल के करार पर सहमति जताई। इसमें डेढ़ लाख रुपये डिपॉजिट और 34 हजार रुपये मासिक किराया (हर साल 10% बढ़ोतरी के साथ) तय किया गया।
एजेंटों ने कराया एग्रीमेंट
इसके बाद एक अन्य व्यक्ति, मुकेश वोहरा ने लीव एंड लाइसेंस एग्रीमेंट का ड्राफ्ट तैयार करवाया और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन भी कराया। यह एग्रीमेंट जयंथिरानी और अविनाश कौर विग के बीच हुआ, जिसने 6 अक्टूबर 2024 को अपने परिवार के साथ फ्लैट में प्रवेश कर लिया।
संदिग्ध ₹10 लाख का ट्रांजैक्शन
समझौते से पहले जयंथिरानी के इंडियन बैंक खाते (खारघर शाखा) में अचानक 10 लाख रुपये आए। बाद में अविनाश कौर ने 5 लाख रुपये गलती से ट्रांसफर होने का हवाला दिया और रकम लौटाने को कहा। जयंथिरानी ने सोसायटी खर्च काटकर 4.36 लाख रुपये वर्ली स्थित एक्सिस बैंक खाते (राजकुमार के नाम पर) में वापस कर दिए।
पानी रिसाव से खुला राज
अगस्त 2025 में फ्लैट से पानी रिसाव की शिकायत के बाद जब जयंथिरानी ने मौजूदा किरायेदार से संपर्क किया, तो उन्हें असली धोखाधड़ी का पता चला। सामने आया कि फ्लैट को फर्जी एग्रीमेंट के जरिए तीन साल के लिए हेवी डिपॉजिट (22 लाख रुपये) पर दिया गया दिखाया गया था, जबकि ऐसी कोई रकम उन्हें कभी प्राप्त नहीं हुई।
फर्जी बैंक खाता और ईमेल आईडी तैयार
जांच में पता चला कि आरोपियों ने एजेंट रूपा व्यास और मुकेश वोहरा की मदद से फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इतना ही नहीं, उन्होंने Jayanthirani R. Enterprises नाम से नकली बैंक खाता खोला और उसी नाम से ईमेल आईडी बनाकर ठगी को अंजाम दिया।
भांडुप पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आगे की जांच जारी है।
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