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सरकारी नौकरी का झांसा देकर ठगी, मुंबई क्राइम ब्रांच ने दो को दबोचा (यूनिट 6)।


मुंबई। मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट 6 ने एक नौकरी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को पुलिस कांस्टेबल और नेता का अंगरक्षक बताकर युवाओं को सरकारी नौकरी दिलाने का लालच देते थे। गिरफ्तार आरोपियों के नाम विशाल कांबले (38) और साहिल गायकवाड़ (20) बताए गए हैं, जो दोनों ही चेंबूर के महुल गांव के रहने वाले हैं।

तय रेट पर नौकरी का लालच

पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने करीब 18 लोगों को ठगकर लाखों रुपए हड़प लिए। इनके पास अलग-अलग नौकरियों के लिए फिक्स रेट तय थे—आयकर विभाग में नौकरी के लिए 17 लाख रुपए, रेलवे में नौकरी के लिए 10 लाख रुपए और मंत्रालय में पोस्टिंग के लिए अलग शुल्क लिया जाता था।

शिकायत से खुला राज़

यह ठगी तब सामने आई जब महुल निवासी राजश्री लजारस (42) ने शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि कांबले ने उनसे आयकर विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर 8 लाख रुपए लिए। बाद में उसने 3.25 लाख रुपए वापस किए, लेकिन शेष 4.75 लाख हड़प लिए और नौकरी नहीं दिलाई।

फर्जी पहचान और नेताओं से नजदीकी का दावा

कांबले खुद को पुलिस कांस्टेबल और एक वरिष्ठ नेता का अंगरक्षक बताता था। वह नेताओं के साथ तस्वीरें खिंचवाकर दिखाता था और उसके पास फर्जी पहचान पत्र व लेटरहेड भी मिले हैं। पुलिस ने छापेमारी के दौरान एक फोटो जब्त की है, जिसमें कांबले शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के साथ नजर आ रहा है। इसके अलावा, आयकर विभाग के दस्तावेजों पर नकली मोहर, फर्जी नियुक्ति सूची और डिप्टी कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स, मुंबई के नाम से जारी कागजात भी जब्त किए गए।

8 सितंबर तक पुलिस कस्टडी

दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 8 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि सरकारी नौकरी के नाम पर किसी भी तरह की रकम न दें और केवल आधिकारिक चैनलों से ही रोजगार संबंधी जानकारी की पुष्टि करें।

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