मुंबई। अगस्त माह में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने कबूतरखानों में दाना खिलाने पर सख्ती दिखाते हुए 64 लोगों पर कार्रवाई की और कुल ₹32,000 का जुर्माना वसूला। साथ ही तीन अलग-अलग पुलिस केस भी दर्ज किए गए। यह कार्रवाई बंबई उच्च न्यायालय के आदेशों के तहत की गई, जिसमें कबूतरों को सार्वजनिक स्थानों पर खिलाने पर रोक लगाई गई है।
BMC अधिकारियों के अनुसार, तीन में से एक FIR ‘डी वार्ड’ में दर्ज हुई, जहां चार कबूतरखाने मौजूद हैं, जबकि दो मामले ‘जी नॉर्थ वार्ड’ में दर्ज हुए, जिसमें दादर पश्चिम का मशहूर कबूतरखाना भी शामिल है।
जुर्माना आंकड़ों के मुताबिक, ‘पी साउथ वार्ड’ में सबसे ज्यादा 12 लोगों पर कार्रवाई कर ₹6,000 वसूले गए। दादर पश्चिम स्थित कबूतरखाने में 11 लोगों पर ₹5,500 का जुर्माना लगाया गया। वहीं बी, सी, ई, एफ साउथ, एन और एल वार्ड में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
BMC के अनुसार, मुंबई में कुल 44 कबूतरखाने हैं, जिनमें ‘पी नॉर्थ’ और ‘पी ईस्ट’ वार्ड में पांच-पांच, जबकि ‘के वेस्ट’ और ‘डी वार्ड’ में चार-चार कबूतरखाने मौजूद हैं।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक याचिका खारिज कर दी, जिसमें बंबई हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें कबूतरखानों में दाना खिलाने वालों पर FIR दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। न्यायमूर्ति जे. के. महेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय विष्णोई की पीठ ने कहा कि "समानांतर हस्तक्षेप उचित नहीं" और याचिकाकर्ताओं को आदेश में संशोधन के लिए हाईकोर्ट का रुख करने की सलाह दी।
हाईकोर्ट ने पहले ही स्पष्ट किया था कि कबूतरों के जमावड़े से फैलने वाली बीमारियां सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं और मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा सर्वोपरि है। हालांकि अदालत ने पुराने हेरिटेज कबूतरखानों को तोड़ने पर रोक लगाई है, लेकिन वहां दाना खिलाने की अनुमति नहीं दी है।
गौरतलब है कि शनिवार को पुलिस ने दादर इलाके में एक व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया, जो अपनी कार की छत पर अनाज की ट्रे रखकर कबूतरों को खिला रहा था। पुलिस ने उसकी गाड़ी भी जब्त कर ली है।
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