Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

Responsive Advertisement

राज ठाकरे का सरकार पर हमला

 राज ठाकरे का सरकार पर हमला: दादर का कबूतरखाना और १५ अगस्त को मांस पर प्रतिबंध, दोनों को लेकर उठाए सवाल
मुंबई, १४ अगस्त २०२५ - महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने आज मुंबई में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने दो प्रमुख मुद्दों पर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए: पहला, दादर के कबूतरखाने को लेकर चल रहा विवाद और दूसरा, १५ अगस्त को कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका द्वारा मांस की बिक्री पर लगाया गया प्रतिबंध।
दादर के कबूतरखाना विवाद पर सरकार की निष्क्रियता पर सवाल
राज ठाकरे ने मुंबई के दादर स्थित कबूतरखाने के विवाद पर माननीय उच्च न्यायालय के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि सभी को इसका पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा, "जब न्यायालय ने इस पर रोक लगाई है, तो जैन मुनियों को भी इस पर विचार करना चाहिए।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कई डॉक्टरों ने कबूतरों से होने वाली बीमारियों के बारे में चेताया है, इसके बावजूद अगर कोई कबूतरों को दाना डालता है, तो पुलिस को उन पर कार्रवाई करनी चाहिए।
राज ठाकरे ने सरकार की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब अदालत का स्पष्ट आदेश होने के बावजूद आंदोलन हुआ, तभी सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए थी। उन्होंने राज्य के मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा की आलोचना करते हुए कहा, "क्या लोढ़ा को पता नहीं कि अदालत का आदेश क्या है? उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे राज्य के मंत्री हैं, किसी धर्म विशेष के नहीं।" उन्होंने आगे कहा कि कल जब मराठी लोगों ने इसी मुद्दे पर आंदोलन किया, तो उनकी धरपकड़ की गई और पत्रकारों को भी पीटा गया। राज ठाकरे ने सरकार की इस दोहरी नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सब समझ से परे है।
१५ अगस्त को मांस बिक्री पर प्रतिबंध: स्वतंत्रता का हनन
राज ठाकरे ने कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका द्वारा १५ अगस्त को कत्लखानों और मांस की बिक्री बंद करने के आदेश की कड़ी निंदा की। उन्होंने सवाल किया, "किसी महानगरपालिका को यह तय करने का अधिकार किसने दिया कि कौन क्या खाए?" उन्होंने इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन बताया और कहा कि उन्होंने अपने महाराष्ट्र सैनिकों से इस प्रतिबंध का पालन न करने को कहा है। उन्होंने कहा, "हम १५ अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं और उसी दिन खाने की स्वतंत्रता पर रोक लगा दी जाती है, यह कैसा तरीका है?"
सरकार पर चुनाव के मद्देनजर समाज में फूट डालने का आरोप
राज ठाकरे ने इन दोनों मुद्दों को जोड़ते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चुनाव नजदीक आ रहे हैं और इसलिए समाज में फूट डालने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने कहा, "पहले हिंदी को अनिवार्य करने की कोशिश की गई, अब कबूतरों और मांस बिक्री जैसे मुद्दों को उछाला जा रहा है।" उन्होंने सरकार की इस तरह की नीतियों को लोकतंत्र के लिए हानिकारक बताया।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद, महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर गरमाहट आ गई है। सरकार के इन फैसलों पर राज ठाकरे की यह प्रतिक्रिया आने वाले समय में एक नए राजनीतिक विवाद को जन्म दे सकती है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ