मायानगरी मुंबई, जो अपने सपनों और तेज़-रफ़्तार ज़िंदगी के लिए जानी जाती है, वहाँ एक बार फिर अपराध की दुनिया ने अपनी काली छाया डाल दी है। पिछले कुछ दिनों में हुई दो अलग-अलग घटनाओं ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ जहाँ चेम्बूर में एक युवा बैडमिंटन कोच को ₹1,000 जैसी छोटी रकम के लिए चाकू मार दिया गया, वहीं दूसरी तरफ क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है जो अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों के लिए जाली दस्तावेज़ बना रहे थे।
**₹1,000 के लिए जिंदगी पर हमला: चेम्बूर में दहशत**
क्या आप सोच सकते हैं कि सिर्फ ₹1,000 की उगाही के लिए किसी की जान लेने की कोशिश की जा सकती है? चेम्बूर के नेहरू नगर इलाके में कुछ ऐसा ही हुआ। एक युवा बैडमिंटन कोच पर तीन लोगों ने सिर्फ इसलिए चाकू से हमला कर दिया क्योंकि उन्होंने उनसे ₹1,000 की जबरन वसूली की मांग पूरी नहीं की। यह घटना न सिर्फ चौंकाने वाली है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे छोटे-मोटे अपराधी अब बिना किसी डर के वारदात को अंजाम दे रहे हैं।
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उन पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। लेकिन, सवाल यह है कि एक कोच जो युवाओं को खेल के लिए प्रेरित करता है, उसे ऐसी जघन्य वारदात का शिकार क्यों होना पड़ा? यह घटना समाज के उस तबके को भी डराती है जो अपने काम में शांति से लगे हैं।
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