मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इमीग्रेशन अधिकारियों ने एक यात्री को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर पासपोर्ट बनवाकर मॉरीशस जाने की कोशिश करते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। आरोपी की पहचान उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के पिपरौता गांव निवासी रमेश कुमार, पिता फूलबदन, के रूप में हुई है। बाद में उसे सहार पुलिस के हवाले कर दिया गया।
रात की ड्यूटी में हुई पकड़
इमीग्रेशन काउंटर अधिकारी भवेश भगवान राजपूत 14 अगस्त 2025 की रात 8 बजे से 15 अगस्त की सुबह 8 बजे तक नाइट शिफ्ट में ड्यूटी पर थे। रात करीब 12:30 बजे रमेश कुमार काउंटर नंबर 35 पर पहुँचा। उसके पास भारतीय पासपोर्ट और मॉरीशस का वर्क परमिट था और वह फ्लाइट MK-749 से मॉरीशस जाने की तैयारी में था। वीज़ा की जांच के दौरान राजपूत को दस्तावेज़ संदिग्ध लगे, जिसके बाद उसे विंग इंचार्ज के पास भेजा गया। प्रारंभिक पूछताछ में वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।
जन्म तिथि में गड़बड़ी
जांच में सामने आया कि रमेश के आधार कार्ड पर जन्म तिथि 10 अक्टूबर 1986 है, जबकि पासपोर्ट में 10 अक्टूबर 1990 दर्ज है। संदेह बढ़ने पर उसका सामान खंगाला गया, जिसमें उसका असली जन्म प्रमाणपत्र और स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र मिला। ये दस्तावेज़ क्रमशः कमलपुर ग्राम पंचायत और मुंबई के नेशनल हाई स्कूल से जारी हुए थे, जिनमें जन्म तिथि 1 अक्टूबर 1986 दर्ज थी।
खुद कबूली फर्जीवाड़ा
सबूतों के सामने आने पर रमेश ने कबूल किया कि उम्र 45 साल होने के कारण विदेश में नौकरी पाने में दिक्कत हो रही थी, इसलिए उसने उम्र कम दिखाने के लिए फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाया। साल 2022 में उसने उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के ही फिरोज नाम के एक एजेंट से संपर्क किया, जिसने ₹5,500 लेकर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाया। इसी दस्तावेज़ के आधार पर उसने लखनऊ पासपोर्ट कार्यालय से नया पासपोर्ट बनवाया।
दस्तावेज़ जब्त, केस दर्ज
अधिकारियों ने पुष्टि की कि रमेश ने फर्जी दस्तावेज़ों और गलत जानकारी देकर पासपोर्ट हासिल किया था। इमीग्रेशन विभाग की शिकायत पर सहार पुलिस ने पासपोर्ट, बोर्डिंग पास, वर्क परमिट और फर्जी प्रमाणपत्र सहित सभी दस्तावेज़ ज़ब्त कर लिए और आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
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