क्या भारत में टिकटॉक की वापसी होगी? भारत-चीन रिश्तों में नरमी के संकेत और अटकलों का बाजार गर्म
सोशल मीडिया की दुनिया में पिछले कुछ दिनों से एक सवाल आग की तरह फैल रहा है: क्या भारत में टिकटॉक पर से प्रतिबंध हटने वाला है? यह सवाल तब और भी अहम हो जाता है जब हम भारत और चीन के बीच संबंधों में आ रही कथित नरमी को देखते हैं। एक तरफ जहां कुछ यूजर्स टिकटॉक की वेबसाइट एक्सेस करने का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सरकार ने इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है। तो आखिर सच क्या है? आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
अटकलों की शुरुआत कहां से हुई?
पिछले हफ्ते, कुछ यूजर्स ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा करना शुरू किया कि वे अपने डेस्कटॉप ब्राउजर पर टिकटॉक की वेबसाइट खोल पा रहे हैं। इस खबर ने उन लाखों लोगों को उत्साहित कर दिया जो 2020 में लगे प्रतिबंध के बाद से इस ऐप को मिस कर रहे थे। टिकटॉक के होमपेज के खुलने की खबर ने तुरंत ही यह अटकलें लगानी शुरू कर दीं कि शायद यह ऐप भारत में वापसी की तैयारी कर रहा है।
सरकार का साफ संदेश: अभी भी प्रतिबंध जारी है
इन अटकलों पर लगाम लगाते हुए, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि टिकटॉक पर से प्रतिबंध हटाने का कोई भी आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है। सरकार ने साफ किया है कि इस तरह की कोई भी खबर झूठी और भ्रामक है। उन्होंने यह भी बताया कि वेबसाइट भले ही कुछ यूजर्स के लिए खुल रही हो, लेकिन यह ऐप गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर पर अभी भी उपलब्ध नहीं है और न ही वीडियो देखना या अपलोड करना संभव है।
भारत-चीन संबंधों में बदलाव की आहट
यह समझना जरूरी है कि ये अटकलें ऐसे समय में सामने आई हैं जब भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों में थोड़ी नरमी देखने को मिल रही है। हाल ही में दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय वार्ता हुई है, जिसमें सीमा पर शांति बनाए रखने और व्यापार को बढ़ावा देने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। ऐसे में, लोगों के मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या यह राजनयिक प्रगति उन चीनी ऐप्स की वापसी का रास्ता भी साफ करेगी, जिन्हें 2020 में राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी के खतरे का हवाला देते हुए बैन कर दिया गया था।
क्या भविष्य में वापसी संभव है?
फिलहाल, सरकार का रुख बहुत साफ है: टिकटॉक पर प्रतिबंध जारी है। हालांकि, कूटनीति की दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। अगर भारत और चीन के बीच संबंध और बेहतर होते हैं, और अगर टिकटॉक अपनी डेटा सुरक्षा और भारतीय कानूनों का पालन करने के लिए एक विश्वसनीय योजना पेश करता है, तो भविष्य में कुछ बदलाव हो सकते हैं। लेकिन अभी के लिए, उन सभी टिकटॉक प्रेमियों को मायूस ही होना पड़ेगा, क्योंकि उनकी पसंदीदा ऐप की वापसी की राह अभी भी आसान नहीं!
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