पुणे रेप केस में चौंकाने वाला मोड़: आरोपी निकला जानकार, सबूत निकले एडिटेड।




पुणे: एक 22 वर्षीय IT प्रोफेशनल युवती द्वारा दर्ज कराए गए बलात्कार मामले में चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। पुलिस जांच में पता चला है कि कथित हमलावर कोई अजनबी नहीं, बल्कि पीड़िता का परिचित था।

सेल्फी और धमकी भरा मैसेज खुद युवती ने बनाए

पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने शुक्रवार को मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पीड़िता और आरोपी एक-दूसरे को पिछले कुछ वर्षों से जानते हैं और दोनों एक ही समुदाय से हैं। उन्होंने खुलासा किया कि जो सेल्फी और धमकी भरा मैसेज सबूत के तौर पर पेश किए गए थे, वह युवती ने खुद अपने फोन से बनाए और एडिट किए थे।

पहले युवती ने बताया था डिलीवरी बॉय का हमला

युवती ने पुलिस को बताया था कि बुधवार शाम एक अजनबी व्यक्ति कूरियर डिलीवरी एजेंट बनकर कोंढवा स्थित उसके फ्लैट में घुसा। उसने कथित तौर पर केमिकल स्प्रे कर उसे बेहोश किया और फिर बलात्कार किया। उसने कहा कि होश आने पर उसे अपने फोन में एक धमकी भरा मैसेज और एक एडिट की गई सेल्फी मिली।

पुलिस जांच में खुली सच्चाई

जांच में सामने आया कि मूल तस्वीर में आरोपी का चेहरा स्पष्ट रूप से दिख रहा था, जिसे बाद में एडिट कर छिपाया गया। पुलिस का कहना है कि किसी केमिकल स्प्रे के इस्तेमाल के कोई सबूत नहीं मिले हैं और युवती की मानसिक स्थिति भी फिलहाल ठीक नहीं है।

घटना की सूचना कैसे मिली?

युवती ने कहा था कि जब वह पेन लेने के लिए मुड़ी तो आरोपी फ्लैट के अंदर घुस गया और दरवाजा बंद कर दिया। लगभग 8:30 बजे होश आने के बाद उसने अपने रिश्तेदारों को फोन किया और फिर पुलिस को जानकारी दी गई।

पुलिस ने दर्ज किया केस

पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (बलात्कार), 77 (छलपूर्वक घुसपैठ), और 351(2) (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया है।

CCTV और विज़िटर लॉग से नहीं मिला आरोपी का नामो-निशान

जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने सोसाइटी के विजिटर रजिस्टर में हस्ताक्षर नहीं किए थे और न ही CCTV फुटेज में वह नजर आया। सोसाइटी में इस्तेमाल हो रहे मोबाइल विज़िटर ऐप में भी कोई एंट्री लॉग नहीं मिली।

पुलिस को मिले अहम डिजिटल सबूत

पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे ने बताया कि युवती के फोन से एडिट की गई सेल्फी और धमकी भरा मैसेज रिकवर किए गए हैं।


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