12 जून को अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया की फ्लाइट AI171 के क्रैश मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। भारत के प्रमुख एविएशन सेफ्टी एक्सपर्ट कैप्टन मोहन रंगनाथन ने दावा किया है कि यह हादसा तकनीकी खामी नहीं, बल्कि कॉकपिट में जानबूझकर की गई हरकत का नतीजा हो सकता है।
कैप्टन रंगनाथन ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि फ्लाइट के फ्यूल कटऑफ स्विच को जानबूझकर बंद किया गया था। उन्होंने बताया कि, “फ्यूल सेलेक्टर स्विच मैन्युअल होते हैं और इन्हें गलती से ऑफ करना संभव नहीं है। इन्हें ऊपर या नीचे करने के लिए खींचना पड़ता है, और यह प्रक्रिया पूरी तरह मैन्युअल होती है।” उन्होंने इसे "एक संभावित आत्मघाती कृत्य" बताते हुए कहा कि यह विमानन इतिहास में दुर्लभ लेकिन बेहद गंभीर मामला हो सकता है।
यह टिप्पणी भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा जारी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के 24 घंटे के भीतर सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लाइट AI171 ने दोपहर 1:39 बजे अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरी थी। लेकिन उड़ान भरने के सिर्फ 32 सेकंड बाद ही दोनों इंजन थ्रस्ट खो बैठे और विमान तेजी से नीचे गिरते हुए रनवे से करीब 1.2 नॉटिकल मील दूर एक मेडिकल हॉस्टल से टकरा गया।
इस भीषण दुर्घटना में 241 यात्री और 19 जमीन पर मौजूद लोगों की मौत हो गई। विमान में कुल 228 यात्री और 14 क्रू सदस्य सवार थे। चमत्कारिक रूप से, केवल एक ही यात्री जीवित बच सका — भारतीय मूल का एक ब्रिटिश नागरिक।
कैप्टन रंगनाथन के अनुसार, यह हादसा ऑटोमैटिक फेल्योर नहीं बल्कि मैन्युअल और जानबूझकर की गई छेड़छाड़ का संकेत देता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर यह सिद्ध होता है कि पायलट ने जानबूझकर ईंधन आपूर्ति को काटा, तो यह भारत के एविएशन इतिहास में एक अभूतपूर्व मामला होगा।
अब सभी की निगाहें AAIB की फाइनल रिपोर्ट और विस्तृत जांच पर टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि क्या यह हादसा वास्तव में एक सोची-समझी साजिश का परिणाम था।
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