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मुंबई बनी लाउडस्पीकर मुक्त: राज्यभर में 3367 धार्मिक स्थलों से हटाए गए भोंगे।



मुंबई, 
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को विधानसभा में घोषणा की कि मुंबई को लाउडस्पीकर मुक्त कर दिया गया है। उनके अनुसार, राज्यभर में 3367 धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए गए हैं, जिनमें मुंबई की 1150 मस्जिदें, 48 मंदिर, 10 चर्च, 4 गुरुद्वारे और 148 अन्य स्थल शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि मुंबई पुलिस ने

आपसी सहमति से लाउडस्पीकर हटवाए हैं और इस दौरान कोई धार्मिक तनाव या एफआईआर दर्ज नहीं हुई। उन्होंने इसे मुंबई पुलिस की प्रशंसनीय पहल बताया।


धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के लिए नई SOP की घोषणा

फडणवीस ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देश तय किए गए हैं। अब हर पुलिस स्टेशन के क्षेत्र में लगाए जाने वाले लाउडस्पीकर की जिम्मेदारी संबंधित पुलिस अधिकारी की होगी।

बीजेपी विधायक सुधीर मुनगंटीवार द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस महासंचालक ने इस संबंध में एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की है, जिसे जल्द लागू किया जाएगा।


15-20 साल से लागू है रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर प्रतिबंध

मुख्यमंत्री ने बताया कि रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर बजाने पर 15-20 साल से कानून लागू है। हालांकि, गणेशोत्सव, नवरात्रि और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जयंती जैसे विशेष अवसरों पर अदालत की अनुमति से छूट दी जाती है।

उन्होंने गुजरात के उदाहरण का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां साउंडप्रूफ पंडालों के चलते रात में भी लाउडस्पीकर की अनुमति मिलती है, और मुंबई में भी बड़े हॉलों में उत्सव मनाए जा रहे हैं।


विचारों के प्रदूषण पर नहीं है कानून: मुख्यमंत्री का कटाक्ष

चर्चा के दौरान, अजित पवार की पार्टी के विधायक अनिल पाटील ने सुबह 10 बजे बजने वाले लाउडस्पीकरों पर सवाल उठाते हुए संजय राउत की ओर संकेत किया। इस पर मुख्यमंत्री ने तीखा कटाक्ष करते हुए कहा,
"ध्वनि प्रदूषण को लेकर कानून है, लेकिन विचारों के प्रदूषण पर कोई कानून नहीं है।"


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