जालना में किसानों के अनुदान में 100 करोड़ का घोटाला, विधायक बबनराव लोणीकर ने किया खुलासा, SIT या CBI जांच की मांग।



मुंबई/जालना:
महाराष्ट्र के जालना जिले में प्राकृतिक आपदाओं से बेहाल किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने 412 करोड़ रुपये का अनुदान मंजूर किया था। लेकिन इस राहत राशि में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। बीजेपी विधायक बबनराव लोणीकर ने आरोप लगाया है कि 2022 से 2024 के बीच करीब 100 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया।

क्या है मामला?
महाराष्ट्र टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारी बारिश, बाढ़ और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें तबाह हो गई थीं। सरकार ने उन्हें राहत देने के लिए अनुदान मंजूर किया, लेकिन कुछ अधिकारियों ने फर्जी किसानों के नाम पर दोहरा भुगतान लिया और सरकारी जमीन पर भी फर्जी दावे कर राशि गबन की।

अब तक 21 अधिकारी निलंबित
इस घोटाले की जांच के दौरान अब तक 21 अधिकारियों को निलंबित किया गया है, जिनमें तहसीलदार, उपविभागीय अधिकारी, तलाठी, ग्राम सेवक और कृषि सहायक शामिल हैं। जिला कलेक्टर डॉ. श्रीकृष्ण पंचाल ने तीन सदस्यीय समिति गठित की है, जिसने अंबाड़ और घनसावंगी तालुका के 75 से ज्यादा गांवों का दोबारा सर्वे किया। इसमें 74 कर्मचारी दोषी पाए गए हैं।

विधायक लोणीकर की सीधी मांग – हो CBI या SIT जांच
विधायक लोणीकर ने इस घोटाले को “किसानों के अधिकारों की हत्या” करार दिया और मांग की कि इसकी जांच CBI या SIT से कराई जाए। उन्होंने कहा कि,

> "ये सिर्फ वित्तीय गबन नहीं, किसानों की जिंदगी के साथ किया गया धोखा है। जो अधिकारी किसानों की सब्सिडी हड़प रहे हैं, उन्हें जेल में डालना चाहिए और उनकी संपत्ति जब्त की जानी चाहिए।"



अब तक 5.74 करोड़ की वसूली, बाकी प्रक्रिया लंबित
प्रशासन ने फिलहाल 5 करोड़ 74 लाख रुपये की वसूली की है। कुल 2.57 लाख किसानों में से 1.94 लाख को सब्सिडी मिल चुकी है, लेकिन 63 हजार से ज्यादा किसानों की राशि अब भी लंबित है। जिला प्रशासन का कहना है कि फंड की कमी और लंबित ई-केवाईसी के कारण भुगतान रुका हुआ है।

राज्यभर में जांच के आदेश
विधायक लोणीकर ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने शीघ्र जांच के आदेश नहीं दिए, तो वे सड़कों पर उतरने से पीछे नहीं हटेंगे। विभागीय आयुक्त जीतेन्द्र पापलकर ने मराठवाड़ा के सभी जिलों में पिछले पांच वर्षों में अनुदान वितरण की जांच के आदेश दे दिए हैं। इससे अन्य जिलों में भी भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने की संभावना है।

लोणीकर की दो टूक:

> “किसानों का पैसा किसी भी हाल में नहीं डूबेगा। दोषियों को सज़ा मिलेगी, और हम विधानसभा से लेकर सड़क तक इस लड़ाई को लड़ेंगे।”









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